राज्यों के बॉर्डर पर टूरिस्ट कार-जीप, टैंपो ट्रैवलर और बसाें काे बार-बार टैक्स नहीं देना होगा। ये वाहन साल में अब एक बार टैक्स भरने के बाद देश के सभी राज्याें में चल सकेंगे। इन सभी वाहनों का सीट के हिसाब से अलग-अलग टैक्स रखा गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से जारी नोटिफिकेशन के बाद यह व्यवस्था पूरे देश में एक अप्रैल से लागू हो जाएगी। अभी तक इन वाहनों काे बॉर्डर पर प्रति सीट के हिसाब से टैक्स भरना हाेता है।
अब 9 सीटर एसी टूरिस्ट कार 26 हजार रुपए तो नॉन एसी कार 16 हजार रुपए जमा कराकर कहीं भी जा सकेंगे। हालांकि जिस राज्य में वाहन रजिस्टर्ड हैं, उन्हें पहले ही तरह राेड टैक्स देना हाेगा।
नुकसान- यह व्यवस्था लागू हाेने के बाद अब प्रदेशों काे टैक्स रकम के लिए केंद्र पर निर्भर होना होगा। पहले ये रकम बॉर्डर पर जमा की जाती थी या फिर ऑनलाइन राज्य सरकारों के खातों में जमा हाे रही थी। अब रकम केंद्र के पास जाएगी, इसके बाद राज्यों काे मिलेगी। वहीं ऐसे वाहन जिन्हें , उस राज्य में जाना नहीं है, फिर भी एकमुश्त टैक्स भरना हाेगा।
फायदा- टूरिस्ट बस, कार और टैंपो ट्रेवलर मालिकों काे टैक्स भरने के लिए बॉर्डर पर इधर-उधर नहीं भटकना पडे़गा। वे साल में एकमुश्त राशि जमा कर पूरे साल तक चल सकते हैं। इससे समय और भीड़ से छुटकारा मिलेगा।
वाहन की श्रेणी (चालक को छोड़कर) शुल्क एसी परमिट शुल्क नॉन-एसी परमिट शुल्क
9 से कम सीट 500, 25000, 15000
दस से अधिक 23 से कम सीट 750, 75000, 50000
23 सीट से अधिक 1000 300000 200000