केरल टूरिज्म: करते हैं कम यात्रा तो नहीं रहना होगा क्वारंटाइन

कोरोना महामारी के चलते ट्रैवल के नियमों में बहुत कुछ बदलाव किया गया है। कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए हर राज्य अपने स्तर पर सख्त कदम उठा रही है। इसके तहत किसी-किसी जगह पर कुछ रियायतें दी जा रही हैं तो कुछ जगहों पर कुछ ज्यादा सख्ती भी की जा रही है। ऐसे में अगर आप केरल जाने का विचार कर रहें है तो यह खबर आपके लिए है।

अगर आप किसी भी जरुरी काम से थोड़े दिनों के लिए केरल जाना चाहते हैं तो केरल सरकार ने ऐसे लोगों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी की है। इसके अंतर्गत अगर आप थोड़े दिनों के लिए केरल की यात्रा करते हैं तो आपको क्वारंटाइन में नहीं जाना होगा। केरल सरकार ने एक आदेश जारी कर यह जानकारी दी है। इससे पहले दूसरे राज्य से केरल ट्रैवल करने वाले लोगों को क्वारंटाइन में रहना जरूरी होता था।

सरकार के आदेश के मुताबिक, जरुरी काम के अंतर्गत कुछ स्पेसिफिक कामों को ही स्थान दिया है। इस लिस्ट में कारोबारिक काम, आधिकारिक काम, व्यापर, चिकित्सा देखभाल, अदालती मुकदमे, परीक्षा देने और संपत्ति प्रबंधन जैसे कामों में रियायत मिली है। इन कामों से सम्बंधित लोगों के लिए ही केरल सरकार ने यह आदेश जारी किया है। इसके लिए उन लोगों को कोविड-19 जगराथा पोर्टल (https://covid19jagratha.kerala.nic.in/) से प्रवेश पास लेना होगा। परीक्षा के लिए जो छात्र केरल आएंगे उनको परीक्षा शुरू होने के तीन दिन पहले और परीक्षा खत्म होने के तीन दिन बाद तक रुकने की अनुमति दी जाएगी।

इस नियम के तहत जिला कलेक्टरों, जिला पुलिस प्रमुखों और अन्य विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि इस मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का सख्ती से पालन किया जाए। इस नियम के अंतर्गत यात्रा अवधि सात दिन है और आठवें दिन व्यक्ति केरल राज्य से चले जाना चाहिए। अगर किसी भी कारणवश यात्री इन शर्तों को पूरा करने में विफल होता है तो उसे 14 दिन के संस्थागत क्वारंटाइन में भेजा जाएगा या ऐसे क्वारंटाइन में भेजा जाएगा जहां यात्री को खुद से भुगतान करना होगा।