West Bengal Assembly Election 2021: चुनाव आयोग ने कहा, ममता बनर्जी पर नहीं हुआ था हमला; सुरक्षा में चूक की वजह से लगी चोट

West Bengal Assembly Election 2021: चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कोई हमला नहीं हुआ था। बंगाल के पर्यवेक्षकों और मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने यह बात कही है। चुनाव आयोग ने कहा कि सुरक्षा की चूक की वजह से ममता को चोट लगी थी। ममता स्टार प्रचारक होने के बावजूद बुलेट प्रूफ या बख्तरबंद वाहन का इस्तेमाल नहीं कर रही थी और यह उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार लोगों की ओर से यह एक चूक थी। ममता नीचे गिर गए और उनके बाएं पैर और कमर पर चोटें आईं। उनका आरोप था कि जब वह निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने के बाद बुधवार शाम नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रही थीं, तब उन्हें अज्ञात लोगों ने धकेल दिया था।

बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के पिछले दिनों नंदीग्राम में जख्मी होने की घटना को लेकर विशेष पर्यवेक्षकों की टीम ने शनिवार शाम चुनाव आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि ममता बनर्जी के साथ हुई घटना एक हादसा था। हमले के कोई सुबूत नहीं मिले हैं। दूसरी ओर, बंगाल के मुख्य सचिव ने भी देर शाम आयोग को दूसरी रिपोर्ट सौंप दी। इसमें बताया गया है कि मुख्यमंत्री कैसे घायल हुईं। विशेष पर्यवेक्षकों विवेक दुबे और अजय नायक ने रिपोर्ट दाखिल कर कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम में एक दुर्घटना के चलते घायल हुई हैं। साथ ही, कहा कि उस समय मुख्यमंत्री के साथ पर्याप्त सुरक्षा थी और वह उससे घिरीं हुई थीं।

विशेष पर्यवेक्षकों विवेक दुबे और अजय नायक ने शनिवार को चुनाव आयोग को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपने से पहले नंदीग्राम में दुर्घटना स्थल का निरीक्षण भी किया था। उधर, राज्य सचिवालय सूत्रों के मुताबिक, बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंधोपाध्याय ने शनिवार देर शाम चुनाव आयोग को दूसरी रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें बताया गया है कि ममता कैसे घायल हुईं। गौरतलब है कि चुनाव आयोग को शुक्रवार को मुख्य सचिव ने सरकार की ओर से रिपोर्ट सौंपी थी, जिसे उसने अधूरा बताया था। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट में घटना के बारे में विस्तार से ब्योरा नहीं था। मसलन, घटना किस तरह हुई और इसके पीछे कौन जिम्मेदार हो सकता है? रिपोर्ट में मौके पर भारी भीड़ होने का जिक्र किया गया था, लेकिन उन चार-पांच लोगों की कोई जानकारी नहीं थी, जिन पर ममता बनर्जी ने कथित हमले का आरोप लगाया था। इसके बाद मुख्य सचिव से और विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था।

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