हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस यानी World Ocean Day सेलिब्रेट किया जाता है। इसका मकसद लोगों को महासागर के महत्व के बारे में बताना और उसके रख रखाव के लिए लोगों को जागरूक करना होता है। पृथ्वी के 70 फीसद हिस्से में पानी है और बाकी स्थल है। इसके बाबजूद भी शुद्ध पानी की मात्रा बहुत कम है। पृथ्वी पर जीने का मुख्य आधार वायु और पानी ही है। चारों तरफ समुद्र होने के कारण पृथ्वी को Water Planet भी कहा जाता है। धीरे-धीरे इसका अस्तित्व खत्म होता जा रहा है। इसी के मद्देनजर महासागरों के महत्व, इसमें बढ़ते प्रदूषण के खतरे और समुद्र के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस यानी World Ocean Day मनाया जाता है।
कैसे हुई शुरुआत: यह विश्व महासागर दिवस महासागरों के प्रति सम्मान, उनकी अहमियत को जानने, उनकी देखभाल के लिए जरूरी कदम लेने का अवसर प्रदान करता है। वर्ष 1992 में कनाडा सरकार ने रियो डी जनेरियो में आयोजित पृथ्वी सम्मेलन में विश्व महासागर दिवस की स्थापना का प्रस्ताव रखा था। वर्ष 2008 में संयुक्त राष्ट्र ने 8 जून को इसे आधिकारिक तौर पर मनाने की मान्यता दी। उस दिन के बाद से हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है।
हर बर्ष इस दिवस को मनाने का मकसद, लोगों को महासागरों की अहमियत को समझना और कैसे समुद्र अपनी प्राकृतिक गुणवत्ता के सहारे परिवेश में संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रही है, यह बताना है।। देशों की विकास गति के साथ-साथ समुद्र भी उतनी तेजी से दूषित हो रहा है जिसके कारण समुद्री जीवों पर इसका प्रभाव साफ-साफ दिखने लगा है।
महासागरों की अहमियत: दुनिया की करीब 30 फीसद आबादी समुद्र किनारे रहती है। उनका जनजीवन पूरी तरह समुद्र पर निर्भर है। इसके अलावा दुनिया की अर्थव्यवस्था को गति देने में भी समुद्र का अहम योगदान है। करीब 10 लाख जीवों की प्रजाति समुद्र में पाई जाती है। इसके अतरिक्त यह मौसम में बदलाव और जलवायु में परिवर्तन की जानकारी में अहम भूमिका निभाती है। इसलिए समुद्र को सांरक्षण करना बहुत जरूरी है और यह हमारी जिमेदारी भी है।
विश्व महासागर दिवस 2020 का विषय: समुद्र सांरक्षण को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए हर साल अलग-अलग थीम के अनुसार इस दिन को मनाया जाता है और विश्व समुद्र दिवस 2020 की थीम है ‘एक सतत महासागर के लिए नवाचार’