जहां पहाड़ से लटकाया जाता है कॉफिन, जानें क्या है इसके पीछे का गहरा राज

दक्षिण चीन में एक ऐसी जगह है जहां यह रहस्यमयी प्रथा देखने को मिलती है। इस रहस्य को पूरी दुनिया में हैंगिंग कॉफिन के नाम से जाना जाता है। यहां पर आपको सैंकड़ो कॉफिन पहाड़ की चोटी पर लटका हुए देखने को मिलेंगे। स्थानीय लोगों के मुताबिक, उन लोगों को इस बारे में सटीक जानकारी नहीं हैं। विशेषज्ञों और जानकारों की मानें तो यह स्वर्ग पहुंचने का मार्ग हो सकता है। तो चलिए इस रहस्य को सही से जानने की कोशिश करते हैं की आखिर क्यों कॉफिन पहाड़ की चोटी पर लटके हुए हैं।

क्या होता है हैंगिंग कॉफिन:

इस विषय में विशेषज्ञों का मानना यह है की यह शव बो और गुयुए जनजाति लोगों के हैं जो की 3000 साल पुराने हैं। इन जनजाति के शवों को न ही जलाया गया और न ही दफनाया गया था बल्कि इन शवों को लकड़ी के कॉफिन में रखकर पहाड़ के चोटी पर लटकाया गया था। यह प्रथा चीन के आलावा इंडोनेशिया और फिलीपींस में भी थी। यह कॉफिन विभिन्न आकर के होते थे। ज्यादातर कॉफिन लकड़ी के एक टुकड़े से बनाए जाते थे।

विशेषज्ञों के मुताबिक, साउथ चीन में बो प्रजाति के लोग इस प्रथा को शुभ मानते हैं। उन जनजाति का ऐसा मानना है शवों को पहाड़ की चोटी पर इसलिए लटकाया जाता है जिससे वो जल्दी स्वर्ग पहुंच सकें। प्राचीन समय में उन लोगों में यह मान्यता थी की अच्छी आत्मा प्रकृति में निवास करती है।

युनान प्रान्त के गुओ जिंग म्यूजियम मुताबिक, पहाड़ की चोटी एक ऐसी जगह है जहां से स्वर्ग बहुत नजदीक है। बो जनजाति के लोग इस कहानी को मानते थे। यही कारण है की गुयुए और बो जनजाति के लोग शवों को लकड़ी के कॉफिन में रखकर पहाड़ के चोटी पर लटका देते थे।

बो कौन हैं:

बो जनजाति के बारे में ऐसा माना जाता है की 3000 साल पहले यह अल्पसंख्यक समुदाय थे जो दक्षिण चीन में रहते थे। मिंग वंश ने उस समय इन समुदाय पर बहुत अत्याचार किया था जिस वजह से इनकी सभ्यता विलुप्त हो गई थी। हालांकि, किसी को भी इन समुदाय के बारे में सटीक जानकारी नहीं है की वो कहां से आए थे, कौन थे और उनके साथ क्या हुआ था।