21 जून 2020 सूर्य ग्रहण लगने वाला है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार, आषाढ़ माह की अमावस्या यानि 21 जून को सूर्य ग्रहण होने वाला है। इस सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर पूरी तरह से नहीं आएगी। जानकारी के अनुसार, यह पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं है, बल्कि अंगूठी के आकार का सूर्य ग्रहण है। इसका मतलब सूर्य ग्रहण के समय पृथ्वी से सूर्य एक अंगूठी या छल्ले के आकार में दिखाई देगा। आमतौर पर ग्रहण को लेकर दो मत हैं। एक विज्ञान के तहत गणना की जाती है और दूसरा धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण की गणना की जाती है। तो चलिए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानें कब होता है ग्रहण: वैज्ञानिक दृष्टिकोण के मुताबिक, जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है और सूर्य की किरण चंद्रमा के कारण सीधे तौर पर पृथ्वी पर नहीं आ पाती है तब इस भौगोलिक घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो सूर्य ग्रहण होता है। इस घटना के अंतर्गत राहू की परछाई सूर्य पर पड़ती है तो सूर्य ग्रहण होता है।
कितने प्रकार का होता है ग्रहण: ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण, दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण और तीसरा अंगूठी के आकर का सूर्य ग्रहण।
सूर्य ग्रहण का समय: भारतीय स्टैंडर्ड समय के अनुसार, सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर दोपहर के 1 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। ग्रहण की चरम अवस्था दोपहर 12 बजकर 02 मिनट पर है यानि इसी समय ग्रहण पूर्ण अंगूठे के आकार में देखने को मिलेगा। इस ग्रहण का कुल समय 3 घंटे 19 मिनट तक है।
जानें कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण: 21 जून को होने वाला सूर्य ग्रहण भारत, नेपाल, सऊदी अरब, यूएई, पाकिस्तान, चीन और ताइवान में दिखाई देगा। अगर राज्यों की बात करें तो चुनिदां राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। जबकि भारत के देहरादून शहर में अंगूठे के आकार का ग्रहण दिखाई देगा। इसके अतिरिक्त भारत के अन्य शहरों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देने वाला है।