अचानक आई जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन को बेहतर विकल्प माना जाता है. आपके घर में किसी की शादी हो, मकान खरीदना या बनवाना हो या फिर बीमारी या किसी अन्य जरूरत को पूरा करना हो, पर्सनल लोन लेने में किसी तरह की गारंटी या सिक्योरिटी की जरूरत नहीं पड़ती है. ये एक अनसिक्योर्ड लोन है जिसे लेने के लिए आपको होम लोन या गोल्ड लोन की तरह कोलैटेरल या सिक्योरिटी जमा नहीं करनी पड़ती. अन्य लोन की तुलना में इसमें खास फॉर्मेलिटीज पूरी करने की भी जरूरत नहीं पड़ती. इसे लेना काफी आसान होता है और मुसीबत के समय में ये आपके काफी काम आ जाता है. लेकिन जल्दबाजी में पर्सनल लोन लेने के चक्कर में कुछ गलतियां भूलकर भी न करें, वरना आपके लिए मुसीबत काफी बढ़ सकती है.
ब्याज दरें होती हैं ज्यादा
पर्सनल लोन आपकी जरूरत को जरूर पूरा कर देता है, लेकिन अन्य लोन की तुलना में इसकी ब्याज दरें काफी ज्यादा होती हैं. पर्सनल लोन की ब्याज दरें 12 से 24 फीसदी तक हो सकती हैं. ऐसे में लोन लेने वाले को इसकी बड़ी ईएमआई चुकानी पड़ती है. इसलिए लोन लेने से पहले खुद को इसके लिए मानसिक रूप से तैयार कर लें, ताकि बाद में ईएमआई चुकाते समय किसी तरह का पछतावा न हो.
इन बातों का रखें खयाल
- पर्सनल लोन कभी जल्दबाजी में न लें. लोन लेने से पहले आप कुछ बैंक शाखाओं में जाकर अच्छी तरह से रिसर्च कर लें या फिर बैंक की वेबसाइट पर जाकर पर्सनल लोन की ब्याज दर का पता कर लें. जहां पर ब्याज कम हो, वहीं से लोन लें.
- लोन लेने के बाद ईएमआई को समय पर चुकाएं. बीच में किसी तरह का गैप न आए, वरना इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है. स्कोर खराब होने पर भविष्य में लोन लेने में परेशानी आ सकती है.
- जरूरत के चक्कर में बहुत ज्यादा कर्ज न लें, वरना बाद में उतनी ही बड़ी ईएमआई भी आपको चुकानी पड़ेगी और इसका असर आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ेगा. जितनी राशि का भुगतान आप आसानी से कर सकें, उतना ही लोन लें. बैंक की ईएमआई आप बैंक साइट पर मौजूदा ईएमआई कैलकुलेटर से पहले ही पता कर सकते हैं.
- ज्यादा लंबी अवधि के लिए लोन लेने से बचें. इससे आपकी किस्त बेशक छोटी हो जाएगी, लेकिन इसके बदले में आपको ज्यादा ब्याज देना पड़ेगा. कम समय की किस्त बड़ी होगी, लेकिन इससे आपका ज्यादा ब्याज नहीं जाएगा.
- कभी भी फ्लैट रेट के चक्कर में न पड़ें, ये कस्टमर को गुमराह करने का तरीका है. इससे आप कभी इस बात का पता नहीं लगा सकते कि आपका लोन कितना महंगा पड़ रहा है.