इस साल विदेश पढ़ाई के लिए जा रहें है ? जाने कैसे कर अपने education loan  सही इस्तेमाल 

विदेश में पढ़ाई का खर्चा भारत के पढ़ाई के खर्चे के तुलना में काफी ज्यादा है | पिछले कुछ सालों में यह एस्टीमेट और बढ़ा है | जबकि कुछ रेपुटेड बड़े बैंक और नॉन बैंक फाइनेंसियल कंपनी विदेश में स्टडी के लिए overseas education loan प्रदान करते है | जितना ज्यादा लोन की राशि होता है उतना ज्यादा रिस्क भी होता है | इसलिए यह और ज्यादा जरुरी हो जाता है की अपने स्टडी लोन को बेहतर तरीके के हिसाब करके इस्तेमाल  करे साथ के साथ उसके रिपेमेंट को भी समय से फील करे |  

Google Pay और PhonePe पर बिना गारंटी के मिल रहा है 5 लाख तक का loan, ऐसे करे आवेदन

लोन राशि

आपकी लोन की राशि इतना होना चाहिए की जिससे आपका कोर्स फी, किताब की लागत, लैप टॉप की लागत, ट्रेवल की लागत, हॉस्टल फी आदि शामिल होनी चाहिए, कई बार यह लोन की राशि  1.5 तक भी जा सकती है | अपनी कुल ब्याज  लागत को कम  करने  के लिए कोशिश करे की आपकी लोन राशि से ज्यादा लाभ लेने का प्रयास करे | लोन प्रदान करने वाले स्कॉलरशिप की राशि सहायता राशि को लोन मार्जिन के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति देते है | 

रिपेमेंट का समय 

विदेश में पढ़ाई के लिए education loan की रिपेमेंट की समय 15 साल तक हो सकती है | लोन मिलने के तुरंत बाद से ही लोन EMI शुरू नहीं हो जाती इसमें लोन लेने वाले को एक साल का मोरेटोरियम का समय मिलता है | इस एक साल के अंदर लोन लेने वाले को कोई EMI चुकानी नहीं होती | जबकि इस एक साल का ब्याज आपके लोन प्रिंसिपल राशि में जुड़ जाता है | तो ग्राहक चाहे तो इस एक साल में वोह केवल लोन का ब्याज चूका सकते है इससे ग्राहक को कुल ब्याज राशि को कम करने में सहायक होगा | 

मार्जिन मनी

लोन लेने वाले अपने अतिरिक्त राशि जैसे की स्कॉलरशिप राशि और सहायक राशि को लोन की रिपेमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकते है | आम तौर पर 4 लाख रुपये तक लोन के लिए मार्जिन मनी की जरूरत नहीं होती है | लेकिन 4 लाख रुपये से अधिक लोन राशि के लिए लोन देने वालों को 15 प्रतिशत की मार्जिन मनी की जरूरत होती है | 

व्याजदर 

आम तौर पर education loan पर फ्लोटिंग ब्याज दर चार्ज किया जाता है | भारतीय education loan के ब्याजदर के तुलना में overseas education loan का व्याजदर ज्यादा होता है | फ़िलहाल overseas education loan का व्याज दर 8 प्रतिशत सालाना से शुरुआत है, अलग अलग संसथान पर अलग ब्याज दर हो सकता है | मोरिटोरियम पीरियड के समय लोन प्रदान करने वाला लोन राशि पर सिंपल इंटरेस्ट चार्ज करते है | अगर ग्राहक मोरिटोरियम पीरियड के समय इंटरेस्ट का भुगतान करते है तो लोन प्रदान करने वाला ब्याज दर में 1 प्रतिशत की छूट भी देते है | 

EMI की कॅल्क्युलेशन के लिए भविष्य में होने वाली इनकम का अनुमान लगाएं

जिस इंस्टीटुएशन में आप एडमिशन ले रहें है उनकी इतिहास को जांचे, जैसे की उनकी द्वारा दी गई प्लेसमेंट की प्रतिशत, मिलने वाली सैलरी का कॅल्क्युलेशन, उन देशों में वर्क वीजा पर लगाए गए प्रतिबंध आदि को जांचे | इस प्रकार से आप अपने भविष्य में होने वाली इनकम का आकलन करके अपनी EMI की राशि तय कर सकते है और लोन टेन्योर भी सेलेक्ट कर सकते है | किसी भी प्रकार के जोश या गलत आकलन में आ कर ज्यादा EMI और कम लोन टेन्योर का चयन करना आपके क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव डाल सकता है | बेहतर निर्णय के लिए आप EMI calculator की मदद ले सकते है | 

टैक्स बेनिफिट 

खुद के लिए ली गई, पत्नी, बच्चे के लिए ली गई education loan पर ग्राहक को इनकम टैक्स में 80E के तहत छूट मिल सकती है | परन्तु यह छूट केवल 8 साल के लिए ही मिल सकती है | तो इस सुविधा का लाभ लेने के लिए कोशिश करें कि लोन को 8 साल के अंदर ही चुका दिया जाये |  

एजुकेशन लोन का गारंटर

आम तौर पर 4 लाख रुपये तक के लोन के लिए लोन प्रदान करने वाला गारेंटर की डिमांड नहीं करता | 4 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक लोन के लिए लेंडर थर्ड पार्टी गारेंटर या कोई सिक्युरिटी की डिमांड कर सकता है | 7.5 लाख रुपये के अधिक लोन पर लेंडर कुछ टेंजिबल सिक्युरिटी की डिमांड करता है जैसे की प्रॉपर्टी, बैंक डिपोज़िट, म्यूच्यूअल फण्ड, इंस्युरेन्स पालिसी आदि |