इन तीन ब्रीदिंग योगासन से करे आपने ब्लड प्रेसर को कण्ट्रोल

आजकल की भाग दौड़ वाली लाइफ स्टाइल के चलते लोग तरह-तरह के बीमारी के चपेट में आ रहे  हैं। खास कर शहरी इलाक़ा में लोग ज्यादा बीमार ग्रस्त हो रहे है। उनमे से हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी बन चुकी है। जो आम तैर पर लोगों में पाया जारहा है। यह बीमारी खाली अधेड़ उम्र के ही नही वल्कि युवा में भी पाया जा रहा है। एक्सपर्ट के अनुसार यह बिमारी अब हर उम्र बर्ग के लोगों मे संक्रमित हो रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक हाई ब्लड प्रेशर का प्रधान कारण है, ज्यादा तनाव में रहना, अनियमित जीवनशैली और अनियमित खानपान। आज हम आपको कुछ ऐसी योगासन के बारे में बताएंगे जो हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने कारगर साबित होगा।

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साम वृत्ति प्राणायाम

इस आसन को आप किसी भी जगह बड़ी आसानी से कर सकते हैं। यह आपके दिमाग को शांत करता है। बॉडी को रिलैक्स करता है। मन को दृढ़ निश्चित करने में सहायता करता है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर पद्मासन के मुद्रा में सीधे बैठ जाएं। आंखों को बंद करे और 5 तक गिनते हुए सांस ले। 5 तक गिनते हुए सांस को रोकें फिर 5 तक गिनते हुए सांस को छोड़े। इस प्रक्रिया को 1 से 4 बार दोहराएं।

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अनुलोम विलोम प्राणायाम

यह आसन मन का तनाव कम करने में काफी सहायक है। ऐसे तो यह एक सांस लेना और सांस छोड़ने की प्रणाली है। इस आसन को करने के लिए किसी भी समतल जमीन पर पद्मासन मुद्रा में बैठ जाए। और आपने बांये हात को अपने बांये घुटने पर रखे। अब दाहिने हात के अंगूठे से दाहिने नाक को बंद करे। मन मे 5 गिनते हुए बांये नाक से सांस अंदर ले। अब दांये हात के रिंग फिंगर से बांये नाक को बंद करें । और दाहिने नाक से सांस को छोड़े। अब ठीक इसका उल्टा इसी प्रकार से दाहिने नाक से सांस ले और बांये नाक से सांस छोड़ें। शुरुआत में इसे 1 मिनिट तक करे। धीरे धीरे इसकी समय अबधि को बड़ा सकते है।

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कपालभाती प्राणायाम

इस आसन से कई प्रकार के शारीरिक लाभ मिलता है। इस आसन का अभ्यास सुबह खाली पेट ही करना चाहिए। यह हाई ब्लड प्रेशर समेत कई अन्य बीमारी से भी मुक्त रखता है। इस आसन को करने के लिए आप जमीन पर पद्मासन के मुद्रा में बैठ जाएं। आपने हतेलिओं को आकाश की तरफ करके अपने गुठनो पर रखे। अब गहरी सांस ले। अब सांस को छोड़ते हुए आपने पेट मासपेशियों को सिकुड़के रीढ़ की हड्डी तक लेजाए। जितना हो सके उतना आपने पेट की मांसपेशियों को सिकुड़के रीढ़ की हड्डी तक लेजाए। अब जैसे ही आप अपने पेट की मांसपेशियों को ढीला छोड़ते है तो सांस आपने आप ही फेफड़े तक पहुच जाती है।