लोग अक्सर वर्कआउट यही सोचकर करते है कि इससे उनका शरीर लचीला रहेगा। बॉडी को स्टाइलिस्ट आकर मिलेगा। मोटापा कम होगा और बीमारी से दूर रहेंगे। क्या कभी अपने सोचा कि मस्तिक यानी दिमाग को भी तंदुरुस्त रखना चाहिए? दिमाग स्वस्थ रहने से आप स्ट्रेस फ्री रहेंगे और सही समय पर सही निर्णय भी ले पाएंगे। आपकी बुद्धि का विकास होगा और आप सफलता की ओर बढ़ेंगे। योगासान से आप अपने दिमाग को स्वस्थ रख सकते है। आज हम आपको कुछ ऐसे योगासान के बारे में बताएंगे जो आपके दिमाग को स्वस्थ रखने में सहायक है।
ताड़ासन:
ताड़ासन से शरीर लचीला होता है। सांस प्रणाली ज्यादा सक्रिय और संतुलित रहती है। ताड़ासन से मानसिक एकाग्रता बढ़ती है। इससे आप अपने काम पर पूरा फोकस कर सकते हैं। इस आसन को करने के लिए आप सीधे खड़े हो जाएं। यह ध्यान में रखना होगा कि आपकी कमर और गर्दन एकदम सीधी रहनी चाहिए। दोनों हाथ को सिर के ऊपर रखें और एक हाथ की उंगलियों को दूसरे हाथों की उंगलियों में फसाएं। अब दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाते हुए लम्बी सांस लें इसके साथ पंजों के सहारे शरीर को थोड़ा ऊपर की ओर उठाएं। इस अवस्था में थोड़ा रुकें और दोबारा पहले वाली पोजीशन में आ जाएं। इसको 2-4 मिनट तक दोहराएं।
वज्रासन:
वज्रासन से हार्ट बीट संतुलित रहती है। यह स्ट्रेस और तनाव को कम करता है। इसके नियमित अभ्यास से जांघों की मासपेशियां मजबूत होती हैं। पाचन तंत्र ठीक होता है, पीठ और कमर दर्द में भी आराम मिलता है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर घुटना मोड़ कर बैठ जाएं। आप इस तरह बैठे की आपका हिप आपकी एड़ियों के ऊपर रहे। ध्यान रखें कि दोनों घुटने और दोनों पंजे एक-दूसरे से टच रहना चाहिए। अब दोनों हथेली दोनों घुटनों पर रखें। अब धीरे-धीरे सांस ले और छोड़े। इस आसन को आप दोपहर के भोजन और रात के भोजन के बाद 5 मिनट कर सकते हैं। धीरे-धीरे इसका समय बढ़ा सकते हैं।
भ्रमण प्राणायाम:
यह आसन मूल रूप से सांस लेना और सांस छोड़ना ही है। इसको करना बहुत आसान है। इसे पैदल चलते हुए या टहलते हुए किया जाता है। इसे करने के लिए टहलते हुए शरीर को सीधा रख कर धीरे-धीरे गहरी सांस लें। अच्छी तरह से पूरी सांस लेने के बाद कुछ देर सांस को रोकें। उसके बाद सांस धीरे-धीरे छोड़े। इस प्रक्रिया को 10-12 बार दोहराएं।
इस आसन का रोज अभ्यास करें। इससे फेफड़े मजबूत होते हैं। शारीरिक रूप से जो लोग कमजोर महसूस करते हैं उनको फायदा मिलता है। दिल स्वस्थ रहता है। अस्थमा के मरीज को फायदा मिलता है। यह आसन क्रोध, निराश, चिड़चिड़ा पन से मुक्ति दिलाता है। एकाग्रता, मनोबल, बुद्धि बढ़ाता है।