कोविड-19 सांस की बीमारी है. इसका लक्षण अन्य बीमारियों जैसे फ्लू या सर्दी से मिलता-जुलता है. हालांकि, शरीर को होनेवाले खतरे में उनकी स्थिति अलग-अलग होती है. लेकिन नोवेल करोना वायरस संक्रामक है और उसी तरह फैलता है जैसे अन्य संक्रमण और बीमारी फैलती है. इसलिए, इस बात की ज्यादा संभावना है कि किसी ने लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया हो और कुछ वक्त गुजरने के साथ खुद ठीक हो गए हों.
जबकि कुछ लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण का हल्का लक्षण होता है और दूसरे लोग बिना लक्षण वाले (एसिम्पटोमैटिक) हो सकते हैं. इसलिए बिना लक्षण वाले खुद से बिल्कुल जांच नहीं कराते. कोविड-19 के प्रमुख आम लक्षणों में बुखार, नाक का बहना, थकान, स्वाद या गंध का क्षरण और गले में सूजन शामिल है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के बावजूद 412 मरीजों में से 82 फीसद को न्यूरोलोजिकल समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसके अलावा, उनमें खास तरह के अन्य लक्षणों का विकास हुआ. जिससे पता चला कि मरीज कोरोना वायरस से पहले ही संक्रमित हो चुके थे. रिसर्च को अन्नल्स ऑफ क्लीनिकल एंड ट्रांसलेशनल न्यूरोलोजी में प्रकाशित किया गया है.
सिर दर्द
सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, सिर का दर्द कोविड-19 का एक आम लक्षण है. सिर में दर्द हल्का से गंभीर और असहनीय हो सकता है.
मांसपेशियों में दर्द
रिपोर्ट के मुताबिक, परीक्षण का हिस्सा बननेवाले 44.8 फीसद वॉलेंटियर को कोविड-19 के नतीजे में मांसपेशियों का दर्द हुआ. इसके अलावा, मांसपेशियों का दर्द लॉंग कोविड-19 का एक संकेत भी है.
ब्रेन फॉग
ब्रेन फॉग एक ऐसी स्थिति है, जिसमें थोड़ी देर के लिए याद्दाश्त पर कोहरे की तरह धुंध छा जाती है और कुछ याद नहीं आता. ब्रेन फॉग को दिमागी उलझन भी कहा जाता है. वॉलेंटियर में दिमागी उलझन की समस्या भी पैदा हुई. हालांकि, कोविड-19 के लक्षणों में ये दुर्लभ और कम ज्ञात है. परीक्षण के दौरान 31.8 फीसद वॉलेंटियर ने दिमागी उलझन का अनुभव किया.
स्वाद या गंध का क्षरण
स्वाद या गंध का क्षरण एक असामान्य लक्षण है. इसका सामना अधिकतर कोविड-19 मरीजों को करना पड़ता है. ये स्थिति बहुत असुविधाजनक हो सकती है. फिर भी ये एक ऐसा लक्षण है जिससे आम तौर पर पता चलता है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है या नहीं.
आंखों में तकलीफ
ज्यादातर कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों ने आंखों में दर्द बढ़ने की शिकायत की है. लेकिन ये भी माना जाता है कि लॉकडाउन के दौरान स्क्रीन पर ज्यादा देर तक समय बिताने से भी समस्या हो सकती है.