पूरा देश अभी कोरोना की महामारी से जूझ ही रहा है, कि इस बीच कई अन्य समस्याओं ने लोगों के लिए मुश्किल और बढ़ा दी हैं. एक तरफ ताउते तूफान ने तबाही मचाई हुई है, वहीं अब ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस जैसी बीमारियां भी अपने पैर तेजी से पसार रही हैं. इन्होंने लोगों के बीच माहौल और डरावना कर दिया है. बता दें व्हाइट फंगस शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है.
हालांकि राहत वाली बात ये है कि विशेषज्ञ व्हाइट फंगस को ब्लैक फंगस जितना खतरनाक नहीं मान रहे हैं. उनका कहना है कि व्हाइट फंगस साधारण फंगस जैसा ही है, हालांकि इसे ठीक होने में करीब एक से डेढ़ महीने का वक्त लग सकता है. इसलिए बेहतर है कि हम सजग और सतर्क होकर अपना बचाव करें. आइए जानते हैं व्हाइट फंगस के जुड़ी जरूरी जानकारी.
कोविड जैसे हैं लक्षण
विशेषज्ञों का मानना है कि व्हाइट फंगस और कोविड-19 के लक्षणों में काफी समानता है. जिस तरह कोविड फेफड़ों पर अटैक करता है, उसी तरह व्हाइट फंगस भी फेफड़ों को अपना शिकार बनाता है. कोविड की तरह ही सीटी स्कैन से इसकी पहचान होती है. समय रहते यदि इसका उपचार न हो तो ये शरीर के दूसरे अंग जैसे आंतों, पेट, गुप्तांगों, किडनी, दिमाग, मुंह, जोड़ों और नाखून आदि को भी प्रभावित कर सकता है.
ये हैं व्हाइट फंगस के लक्षण
1. व्हाइट फंगस यदि फेफड़ों तक पहुंच गया तो खांसी, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द और बुखार हो सकता है.
2. यदि दिमाग में पहुंचा तो सोचने समझने की क्षमता पर असर डाल सकता है. ऐसे में सिर में दर्द या दौरा पड़ने के लक्षण सामने आ सकते हैं.
3. स्किन पर छोटा और दर्दरहित फोड़ा भी व्हाइट फंगस का लक्षण है.
4. इस इंफेक्शन जोड़ों तक पहुंचने पर जोड़ों में दर्द, उठने-बैठने और चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है.
किनको खतरा ज्यादा
व्हाइट फंगस भी उन्हीं लोगों को अपना शिकार बना रहा है जिनकी इम्युनिटी कमजोर है. जो पहले से किसी बीमारी को झेल रहे हों या फिर जो बहुत ज्यादा स्टेरॉयड और एंटीबायोटिक का सेवन कर रहे हैं. इसके अला डायबिटीज, लंग्स और कैंसर के मरीजों को भी इस फंगस से काफी सचेत रहने की जरूरत है.
कोरोना के साथ व्हाइट फंगस है जानलेवा
व्हाइट फंगस फेफड़ों में पहुंचकर गोल सी एक बॉल बना देता है, जिसे लंग बॉल कहा जाता है. ये स्थिति सीटी स्कैन में पता चलती है. चूंकि कोरोना भी फेफड़ों पर हमला करके उसे अच्छा खासा नुकसान पहुंचाता है, ऐसे में मरीज को अगर व्हाइट फंगस भी हो जाए तो उसके लिए हालत जानलेवा हो सकती है.
बचाव के लिए क्या करें
1 – डायबिटीज को नियंत्रित रखें.
2 – इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग ड्रग या स्टेरॉयड का कम से कम इस्तेमाल करें.
3 – व्हाइट फंगस का कोई भी लक्षण दिखने पर लापरवाही न करें, फौरन विशेषज्ञ से परामर्श करें.
4 – कोई भी दवा बगैर डॉक्टरी सलाह के न लें.
5 – नियमित रूप से योग और एक्सरसाइज करें, साथ ही डाइट में पौष्टिक आहार लें.