हर साल एक अगस्त से सात अगस्त के बीच वर्ल्ड स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। इसका प्रमुख लक्ष्य केवल स्तनपान को बढ़ावा देना है। मां का दूध शिशु के लिए अमूल्य और अमृत सामान होता है जिसके सेवन से शिशु में कुपोषण और कमजोरी की सम्भावनाएं दूर हो जाती हैं और शिशु सुरक्षित रहता है। स्तनपान कराने से महिला को भी फायदा होता है।
स्तनपान कराने से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और गर्भाशय के कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। सरकार और बहुत सारे सामाजिक संस्थान के द्वारा जगह-जगह पर विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इस साल कोरोना महामारी के कारण कोई भी जागरूकता अभियान या कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया है। आइए जानते हैं, कितना जरुरी है शिशु के लिए स्तनपान और इसके फायदे।
डॉक्टर हमेशा नवजात शिशु को मां का दूध पिलाने की सलाह देते हैं। शिशु को जन्म के बाद मां का दूध अवश्य देना चाहिए। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को स्तनपान कराने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। बिना जानकारी और अनुभव न होने के कारण शिशु को स्तनपान कराने से शिशु को दस्त की परेशानी हो सकती है।
मां के दूध में जरुरी पोषक तत्व और एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जो शिशु के पूरे शरीर के विकास के लिए मदद करता है। मां का दूध शिशु के लिए सबसे उत्तम आहार है। शिशु के जन्म के बाद माता के पहले दूध को कोलोस्ट्रम कहा जाता है। यह 4-5 दिन तक निकलता रहता है। इस दूध का सेवन शिशु को कई तरह के बिमारियों से दूर रखता है। शिशु के जन्म से लेकर 6 महीने तक मां का दूध ही पिलाना सेहद के लिए लाभदायक है।
स्तनपान कराने के लाभ:
वर्तमान समय में स्तनपान को कम महत्व दिया जा रहा है। महिलाएं स्तनपान कराने के बदले बाजार में मिलने वाले दूध पर ज्यादा आकर्षित हो रहीं है। इससे शिशु के शरीर पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। जबकि जानकार और डॉक्टरों का कहना है की स्तनपान कराने से शिशु और माता दोनों को लाभ मिलता है। डॉक्टर और एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्तनपान कराने से महिलाओं में कई तरह की बीमारियों का खतरा बहुत काम हो जाता है जैसे स्तन और गर्भाशय कैंसर प्रमुख हैं। इसके अलावा डाईविटीज, स्ट्रेस या तनाव, हार्ट अटेक जैसे बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।