आजकल लोगों में घरेलू और आयुर्वेदिक नेचुरल उपचार को लेकर ज्यादा जागरूकता बड़ी है। ऐसी परिस्थिति में लोगों में एलोवेरा के प्रति ज्यादा जागरूकता देखने को मिली है, साथ के साथ लोग इसका अलग अलग तरीके से भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ लोग इसका कमर्शियल खेती भी कर रहे हैं और कुछ कॉस्मेटिक कंपनी एलोवेरा को हर्बल प्रोडक्ट के रूप में बाजार में बेच रहे हैं। लेकिन यह तो है साधारण हर जगह मिलने वाली ग्रीन एलोवेरा की बात। परंतु आज हम बात कर रहे है Red Aloe Vera के बारे मे। आम तौर पर गर्म देश में पाया जाता है जैसे कि अफ्रीका। भारत में यह बहुत कमी मात्रा में ही पाया जाता है, इसलिए भारत में यह बहुत महंगा भी है।
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Red Aloe Vera की इतनी डिमांड क्यों है?
Red Aloe Vera प्रजाति के अंदर रेड एलोवेरा को राजा कहा जाता है। रेड एलोवेरा के पत्ते में विटामिन ए विटामिन सी विटामिन ई विटामिन b12 और फोलिक एसिड जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। रेड एलोवेरा के पत्ते में फाइटोकेमिकल्स शक्तिशाली एंटी इन्फ्लामेट्री पाया जाता है। यह सारी शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि गुण सारणिक त्वचा को बहुत लाभ पहुंचाती है। रेड एलोवेरा सैपोनिन और स्टेरोल से भरा होता है जो कि कार्डियो सुरक्षा में लाभकारी होता है।
Red Aloe Vera में मौजूद शक्तिशाली सैलिसिलिक एसिड और polysaccharides पैन किलिंग में मददगार है। यह टाइट मसल्स को रिलैक्स करने में सहायक है। सिरदर्द और माइग्रेन में भी एलोवेरा का इस्तेमाल किया जाता है। एलोवेरा जेल नर्वस सिस्टम को शांत करता है। शरीर से दूषित पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है। ऐसी ही कई सारे शक्तिशाली औषधि गुण के कारण रेड एलोवेरा साधारण मिलने वाले ग्रीन एलोवेरा से 22 गुणा ज्यादा प्रबल है।
Red Aloe Vera स्किन केयर भी इस्तेमाल किया जाता है। रेड एलोवेरा जेल स्किन इंटरगिटी को बढ़ाता है। स्किन के रिंकल को कम करता है। स्किन इरिथेमा को कम करता है। यह स्किन के ग्लो भी करता है, और स्किन को जवां रखने में मदद करता है।
Red Aloe Vera को जलन, खरोंच, कीड़े काटने के इलाज मे उपयोग किया जाता है। रेड एलोवेरा स्किन स्कैल्प को स्वस्थ बनाता है और डैंड्रफ को खत्म करने मे मदद करता है। रेड एलोवेरा मुंहासे से राहत देता है।
2016 भारत में हुए एक रिसर्च पाया गया है की फास्टिंग ब्लड शुगर में काफी मददगार है। लेकिन लेवल 2 शुगर के मरीज पर इतना असर देखने को नहीं मिला।