हाल फिलहाल में कुछ ऐसे कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं जिसमें ज्यादातर लोगों में कोरोनावायरस के कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं। इसलिए केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय की तरफ से घर पर आइसोलेशन के दिशानिर्देशों में कुछ परिवर्तन किए गए हैं। नए दिशा-निर्देश में यह ध्यान में रखा गया है की बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीजों को भी इनमें शामिल किया जा सके।
क्या हैं नए दिशा-निर्देश:
बेहद कम इम्युनिटी वाले मरीज जैसे एचआईवी, जिनका हाल ही में कोई बड़ा ऑपरेशन हुआ हो, कैंसर के मरीज और अन्य किसी बड़ी बीमारी से ग्रस्त लोगों के लिए घर पर आइसोलेशन करना उचित नहीं है।
उम्रदराज मरीज मतलब 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के मरीज जो किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त रहते हैं, उदहारण के लिए: डायबिटीज, दिल की बीमारी, लिवर-किडनी की बीमारी से ग्रस्त आदि को मेडिकल कर्मी द्वारा पूरी तरह से चेकअप के बाद ही घर पर आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी।
जो मरीज घर पर आइसोलेशन में हैं उनमें संक्रमण के लक्षण शुरू होने के 10 दिन बाद और 3 दिन तक लगातार बुखार न आने पर आइसोलेशन से मुक्ति दे दी जाएगी। नए दिशा-निर्देश के मुताबिक, मरीज को अलग-थलग रहने और लगातार 7 दिनों तक अपने स्वास्थ्य की निगरानी करने की सलाह दी जाएगी। घर पर आइसोलेशन की समय-सीमा खत्म होने के बाद टेस्ट की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
हल्के लक्षण और बिना लक्षण वाले लोग घर पर आइसोलेशन का ऑप्शन चुन सकते हैं। बशर्ते उनके पास अपने घर पर ऐसी सुविधा हो जिससे वो परिवार के अन्य सदस्यों के संपर्क में न आ पाएं। साथ ही सुरक्षित तरीकों से आइसोलेशन में रह सकें।
नए दिशा-निर्देश के अनुसार, कोरोना पॉजिटिव मरीज की देखभाल के लिए 24 घंटे कोई न कोई उपलब्ध होना अनिवार्य है। इसके अलावा यह भी बताया गया है की मरीज की देखभाल करने वाले और उनके करीबी संपर्क के लोगों को प्रो एक्टिवली डॉक्टर द्वारा जांच कर नियमित रूप से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन लेना चाहिए।
मरीज को नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की निगरानी कर जिला स्वास्थ्य अधिकारी को स्वास्थ्य की जानकारी देनी चाहिए। नजदीकी स्वास्थ्य निगरानी टीम के द्वारा मरीजों को आगे की सुविधा प्रदान की जाएगी। देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं जिसके चलते स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह नए दिशा-निर्देश जारी करने का फैसला लिया है।