डेंगू होने पर इन घरेलू तरीकों को जरूर करें ट्राई, मिल सकता है आराम

मच्छरों से फैलने वाला यह डेंगू बुखार कभी-कभार काफी खतरनाक साबित होता है। डेंगू बुखार के कारण मरीज काफी कमजोर हो जाता है। साधारण बोल-चाल की भाषा में इस बुखार को लोग हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। यह बुखार डेंगू वायरस की वजह से होता है। इस स्थिति में हम आपकी मदद के लिए कुछ घरेलू तरीकों की जानकारी लाए हैं। यहां हम आपको यह बताएंगे कि कैसे घरेलू चीजों और तरीके से डेंगू की रोकथाम की जा सकती है।

आइए जानते हैं इन घरेलू उपचार के बारे में:

मच्छरों से बचना:

यह तो जग जाहिर है की मच्छरों से डेंगू फैलता है। इसके लिए सबसे जरुरी है आप खुद को मच्छरों से दूर रखें या फिर मच्छरों को दूर भगाएं।
मच्छरों से खुद को बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा समय पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
मच्छरों से बचने के लिए बाजार में मेडिकेटिड क्रीम आती हैं आप वह भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
रात को सोते समय हो सके तो मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
अपने आसपास पानी जमा होने न दें जिससे मच्छर उसमें पैदा न हो सके और साफ सफाई का भी ध्यान रखें।

डेंगू की रोकथाम के लिए घरेलू तरीका:

  • मेडिकल साइंस और डॉक्टरों के अनुसार, विटामिन-सी युक्त पदार्थों का सेवन करने से इम्युनिटी यानि रोग-प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है। ऐसे में यह डेंगू के रोकथाम में मददगार है।
  • हल्दी में प्राकृतिक गुण पाए जाते हैं। यह एंटीबायोटिक औषधि है। इसके नियमित सेवन से डेंगू की रोकथाम में मदद मिलती है।
  • हर घर में पाए जाने वाली तुलसी हमेशा से दवाई की तरह इस्तेमाल की जाती है। तुलसी के पत्ते को उबालकर शहद मिलाकर पीने से डेंगू की रोकथाम में मदद मिलती है। आप तुलसी को चाय या काढ़े में डाल कर भी पी सकते हैं। तुलसी में एंटी-बैक्टेरियल पदार्थ पाए जाते हैं जो की रोग-प्रतिरोध क्षमता बढ़ाता है और संक्रमण को रोकने में मदद करता है।
  • वायरोलोजी एक्सपर्ट का मानना है की पपीते के पत्ते का रस भी डेंगू की रोकथाम में मददगार है। पपीते के पत्ते का रास 2-2 चम्मच कर दिन में 2 से 3 बार सेवन करने से डेंगू में बहुत आराम मिलता है।
  • डेंगू से होने वाली शारीरिक कमजोरी और खून की कमी को सही करने के लिए अनार का सेवन कर सकते हैं।
  • गिलोय को बहुत सारी बीमारियों में रामबाण इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गिलोय की डाली को तोड़कर, कूटकर उबाल कर काढ़ा बनाकर पिया जायए तो यह रोग-प्रतिरोध क्षमता को अधिक बढ़ा देता है।