आप लोगों ने कई बार जाने अनजाने छींक को रोका होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि छींक रोकना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल, छींक आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और यह आपकी सेहत के लिए बहुत जरुरी भी है। असल में जब भी कोई बाहरी चीज हमारे शरीर में नाक या मुंह के जरिए प्रवेश कर रही होती है तब हमे छींक आ जाती है और वह छींक के जरिए बाहर निकल जाती है। जब शरीर में कोई बाहरी तत्त्व प्रवेश कर जाता है तब शरीर छींक के जरिए उसे बाहर निकाल देती है। ऐसे में छींक बहुत तेज गति से आती है। डॉक्टर और एक्सपर्ट के मुताबिक छींक हमारे शरीर के लिए एक अंधरुनी प्राकृतिक सुरक्षा प्रणाली है।
कई बार ऐसा होता की हम किसी भी सार्वजनिक जगह पर छींकने से थोड़ा असहज महसूस करते हैं। हमारे छींकने से आस-पास के लोगों को थोड़ी असुविधा महसूस होती है। इसी के कारण ही लोग छींकने से पहले एक्सक्यूज मी कहते हैं। अकसर आपने देखा होगा कि जब भी आप एक्सक्यूज मी कहकर छींकते हैं तो लोग आपको गॉड ब्लेस यू कहते हैं। प्रश्न यह है की लोग ऐसा क्यों कहते हैं? लोग ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि छींक जीवन और मौत से जुड़ी बात भी हो सकती है।
यह बिलकुल सत्य है की छींक रोकना बहुत खतरनाक हो सकता है। कई बार जान बूझकर छींक रोकने से आपके शरीर के दूसरे अंगों में गलत प्रभाव पड़ सकता है। अकसर छींक बहुत तेज गति से आती है। ऐसे में जब हम छींक को रोकते हैं तो इसका प्रेशर सीधा हमारे गले और नाक की मांशपेशियां, कोशिकाओं और नसों पर पड़ता है और यह उन जगह को नुकसान पंहुचा सकता है। कभी-कभी इसका असर सीधा दिमाग पर भी पड़ता है।
छींक रोकने पर क्या-क्या हो सकता है नुकसान:
छींकते समय हमारी नाक से तेज गति में हवा बाहर निकलती है। ऐसे में अगर आप छींक को रोकते हैं तो हवा का सारा दवाब शरीर के दूसरे अंगों की तरफ चला जाता है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान हमारे कान को हो सकता है। आपने महसूस किया होगा कि तेज गति से छींकने के बाद कुछ सेकेंड के लिए कान सुन हो जाता है। कई बार यह नुकसान कान के ईयर-ड्रम तक भी पहुंच जाता है और इंसान सुनने की क्षमता खो भी सकता है। छींक के साथ हमारे शरीर का दूषित पदार्थ भी बाहर निकल जाता है। छींक रोकने पर यह दूषित पदार्थ या बैक्टीरिया शरीर में ही रह जाते हैं।
छींक रोकने पर कई बार आंखों की ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंच सकता है। इसके इलावा गर्दन में भी मोच आ सकती है। कभी-कभी ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां छींक रोकने के कारण दिल का दौरा पड़ने की भी संभवना रहती है। छींक की गति अधिक हो तो दिमाग की नसों पर असर पड़ता है।
लोग छींक क्यों रोकते हैं?
कई बार लोग सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के सामने छींकना सहज महसूस नहीं करते है इस कारण लोग उस समय हाथ से छींक को रोक देते हैं। जबकि यह देखने में बहुत शिष्टाचार लगता है और सामने उपस्थित लोगों को असहज महसूस नहीं होता। परन्तु सेहत के लिहाज से यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए आप छींक को ना रोके बल्कि छींकते समय मुंह पर रुमाल से ढक लें। ऐसा करने से सामने उपस्थित लोगों को कोई दिक्कत महसूस नहीं होगी और बैक्टेरिया फैलने का खतरा भी कम हो जाएगा।