जानें डायबिटीक लोगों के लिए कोरोना क्यों है सबसे घातक?

कोरोनावायरस संक्रमण से बचने के लिए अच्छी इम्युनिटी सिस्टम का होना बहुत जरुरी है। डायबिटीज एक ऐसी खतरनाक धीमी रिएक्ट करने वाली बीमारी है जो आपके शरीर को अंदर से बहुत कमजोर कर देती है। अगर कोई डायबेटिक व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होता है तो उसका परिणाम घातक हो सकता है।

नई जानकारी के मुताबिक, एक चौंकाने वाली प्रतिक्रिया सामने आई है जिसमें पाया गया है कि कई ऐसे मरीज भी हैं जिनका कोरोनावायरस से संक्रमित होने पर ब्लड शुगर लेवल ज्यादा हो जाता है। लेकिन उनको डायबिटीज नहीं है। ऐसे मामले भरत में ही ज्यादा देखे गए हैं। मुंबई के अस्पतालों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जहा कोरोना पॉजिटिव लोगों के ब्लड शुगर की मात्रा 400-500 mg/dl पाई गई है। आमतौर पर ब्लड शुगर की मात्रा 140 mg/dl को सामान्य होती है।

ऐसे मामले में ज्यादातर मरीजों की उम्र 25 साल तक हैं। इन मरीजों में ज्यादातर लोगों को पहले कभी डायबिटीज की शिकायत नहीं थी। ऐसे में कोई बीमारियां, चोट, तनाव और कई संक्रमण के कारण ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है, जिनको डायविटीज नहीं है ऐसे कोरोना संक्रमित लोगों में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ना सामान्य लक्षण नहीं है।

प्राथमिक स्तर पर कोरोना एक सांस की बीमारी है। इसमें कोरोनावायरस मरीज के फेफड़े पर असर डालता है। कोरोना में कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें लिवर, गुर्दे, आंतों और हृदय को नुकसान पहुंचा है जिसके कारण शरीर का कोई भी अंग निष्क्रिय हो सकता है। इसके अलावा खून में वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन, दिमाग और सेंट्रल नर्व सिस्टम को खराब होने जैसे परेशानी देखी गई हैं।

चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ यह SARS-CoV2 नाम का वायरस 6 महीने के अंदर दुनिया भर के 188 से जयदा देशों में फैल चुका है। करीब 30 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और करीब 5,49,846 लोग की इस संक्रमण से जान चली गई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, अभी इस वायरस के बारे में सब कुछ नहीं पता चला है और दिन प्रतिदिन इस वायरस से जुड़ी नई जानकारी सामने आती है।