Arthritis Patient Diet Plan: क्या आप भी हैं अर्थराइटिस के मरीज, अपनी डाइट में करें यह बदलाव

Arthritis Patient Diet Plan: अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द उत्पन्न होने लगता है। आमतौर पर पौष्टिक आहार का सेवन न करने की वजह से इस बीमारी का सामना करना पड़ता है। अर्थराइटिस शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण होती है। इसे ही लोग गठिया या जोड़ों का दर्द कहते हैं। सही तरीके से डाइट न लेने के कारण किसी भी उम्र के लोगों को अर्थराइटिस परेशानी से जूझना पड़ सकता है। आमतौर पर यह दर्द हड्डियों के ज्वाइंट्स में होता है। इस वजह से मरीज को चलने फिरने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अर्थराइटिस मरीज को अपने खान पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा आपको अपनी डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए जिससे उनका जोड़ों के दर्द कंट्रोल में रहे। चलिए जानते हैं की अर्थराइटिस मरीज को अपनी डाइट में किन-किन चीजों को शामिल करना चाहिए।

ठंडी चीजों से करें परहेज:

अर्थराइटिस के मरीज को फ्रिज में रखा हुआ खाना खाने से परहेज करना चाहिए जैसे कुल्फी, आइस्क्रीम, दही, छाछ आदि।

अधिक प्रोटीन वाली चीजों का सेवन न करें:

अर्थराइटिस मरीज अपनी डाइट में अधिक प्रोटीन वाले पदार्थों को बिल्कुल न जोड़ें जैसे लोबिया, सोयाबीन, राजमा, अखरोट आदि।

प्रोसेस फूड न खाएं:

प्रोसेस फूड को जितना हो सके परहेज करें। प्रोसेस फूड में ट्रांस फैट का इस्तेमाल किया जाता है और यह फैट मोटापा बढ़ाने का काम करता है।

रेड मीट और फ्राईड फूड न खाएं:

अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को रेड मीट और फ्राइड फूड को नहीं खाना चाहिए। रेड मीट के साथ-साथ अन्य फ्राईड फूड डाइसे जैसे फ्रेंच फ्राइस, डोनट्स आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

अखरोट नहीं खाएं:

अर्थराइटिस के मरीज अखरोट के सेवन से बचें। अखरोट के इस्तेमाल से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।

इन चीजों को करें अपनी डाइट में शामिल:

अर्थराइटिस के मरीज अपनी डाइट में पनीर, टोफू, सोया बड़ी और अंडे जैसे खाने की चीजें शामिल करें। इसके अतिरिक्त ओट्स, मशरूम, ब्राउन राइस, और गेहूं के अंकूर भी अपनी डाइट में शामिल करें। लहसुन और अजवायन का सेवन करने से अर्थराइटिस के मरीज को फायदा मिलेगा। फल में ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, तरबूज, सेब, केला आदि का सेवन कर सकते हैं।

नोट: उपरोक्त जानकारी केवल जानकारी मात्र है। इसे किसी डॉक्टर की सलाह के तौर पर न देखा जाए। अर्थराइटिस की बीमारी को लेकर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।