भारतीय व्यंजन और पकवान में इलाइची एक बहुत ही पॉपुलर मशाले है | इलाइची की एक खाश खुशबु और स्वाद होती है जो उसको एक अलग पहचान बनाती है | इलाइची के बहुत सारे फायदे है यह आपके शरीर में चमत्कार कर सकते है, और इसमें कई तरह के रोग प्रतिरोध गुण भी है |
कई आयुर्वेदिक एक्सपर्ट ने समय समय पर सोशल मीडियाऔर अन्य मीडिया के जरिये इसके फायदे और अन्य जानकारी के बारे में साझा किया है |
आम तौर पर इस तरह के मशाले और प्राकृतिक जड़ी बूटियां हमारे पाचन क्रिया को सही तरीके से सक्रिय बनाने में मदद करते है | परन्तु हम लोग इसे मशाले कहते है क्यों की यह प्राकृतिक रूप से गरम होते है | परन्तु यह भी प्रकितिक सत्य है की यह सब मशाले हमारे शरीर में भूख प्यास और हॉर्मोन बैलेंस को बरक़रार रखने में अहम् भूमिका निभाते है |
आयुर्वेदा के अनुसार इलाइची त्रिदोशिक है यानि की थ्री दोषः को बैलेंस करने में सहायक है | यह हाजमे में मदद करता है खाश कर इंटेस्टिनल गैस को कम करता है | यह खास कर पेट और फेफड़े के बिच कफ को संतुलित करने में मदद करता है | सांसों को ताज़ा रखने में भी मदद करता है |
इलाइची सेवन के लाभ
- एक आकर्षक एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण, इसका इस्तेमाल रक्तचाप, अस्थमा, अपच, डिसुरिया और कई अन्य विकारों के इलाज में किया जाता है।
- यह ह्रदय के लिए अच्छा होता है |
- स्वाद और हजम शक्ति को बढ़ाता है |
- इसके अलावा इससे राहत मिलती है
- एनोरेक्सिय
- उल्टी
- गैस्ट्रिटिस
- गले में जलन
- सांसों की दुर्गंध (हैलिटोसिस)
- पेशाब के दौरान पेट में जलन महसूस होना।
- पेट फूलना
- खट्टी डकार
- हिचकी
- अत्यधिक प्यास
- सिर का चक्कर
- इलायची के वार्मिंग और डिटॉक्सिफाइंग गुण शरीर में गैस के स्टोर को कम करने और स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायता करते हैं।
कैसे सेवन करे इलाइची
आप रोजाना चाय के साथ इसे मिलाकर सेवन कर सकते है | 250 से 500 मिलीग्राम इलाइची पाउडर को घी या शहद के साथ मिलाकर ले सकते है |
सांसों की दुर्गन्ध को दूर करने के लिए इलाइची को मुँह में रख कर चवा सकते है |
खाने के एक घंटे पहले दिन में 2 से 3 बार इलाइची वाली चाय पि सकते है, इससे देखेंगे की यह आपकी भूख, पाचन प्रक्रिया और हर समय पानी पिने की इच्छा को संतुलित करता है |