गेहूं खरीद में जिले में जमकर लापरवाही हो रही है। तमाम किसान गेहूं बिक्री के लिए टोकन को भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें टोकन नहीं मिल पा रहा है। जबकि, नियमानुसार पंजीकरण के बाद टोकन लेना जरूरी होता है। अगर टोकन नहीं होगा तो कोई भी किसान गेहूं नहीं बेच सकता है। वहीं, भुगतान में भी लापरवाही हो रही है। 15-15 दिनों में भी भुगतान नहीं हो रहा है, जबकि 72 घंटे में भुगतान का नियम है। ऐसे में किसान परेशान हैं। गेहूं क्रय केंद्रों पर बोरे तक नहीं हैं। कई-कई दिनों तक किसानों के ट्रैक्टर लाइन में लगे रहते हैं, लेकिन फिर भी नंबर नहीं आ पाता है।
एडीएम वित्त ने की बेठक
मंगलवार को एडीएम वित्त विधान जायसवाल ने बैठक की। इसमें उन्होंने केंद्र प्रभारियों को काफी सख्त तेवर दिखाए। कहा कि, गेहूं खरीद में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगी। 72 घंटे में किसान का भुगतान किया जाए। पीसीएफ के 17 क्रय केंद्रों पर गेहूं का उठान न होने की बात सामने आई। इस पर एडीएम वित्त ने तत्काल उठान कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। उनहोंने सभी केंद्र प्रभारियों को बताया कि किसान सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं। आनलाइन टोकन से खरीद कराने के लिए एवं 300 क्विंटल तक की सीमा तक ही आनलाइन खरीद करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में एसएफसी और पीसीएफ का भुगतान संतोषजनक न पाए जाने पर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। एडीएम वित्त ने सभी केंद्र प्रभारियों को ई-पाश मशीन से ही खरीद करने के निर्देश दिए। पिछले साल के मुकाबले इस साल 177.95 फीसद गेहूं खरीदा गया है।