बड़ी रकम के लेनदेन के लिए रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) सुविधा रविवार-सोमवार आधी रात (12:30 बजे) से चौबीसों घंटे के लिए शुरू हो गई. इस तरह भारत दुनिया के उन कुछ देशों में शामिल हो जाया जहां आरटीजीएस का ऑपरेशन सातों दिन और चौबीसों घंटे होता है.
आरबीआई ने अक्टूबर में एलान किया था कि आरटीजीएस सुविधा साल के सभी दिन चौबीसों घंटे उपलब्ध होगी. करीब एक साल पहले आरबीआई ने नेफ्ट (NEFT) के ऑपरेशन को चौबीसों घंटे किया था. नेफ्ट कम रकम के ट्राजिक्शन का लोकप्रिय तरीका है.
आरजीटीएस सेवा शुरू होने पर गवर्नर शक्तिकांत दास ने ट्विटर पर खुशी जाहिर की. उन्होंने लिखा, ‘आज रात 12.30 बजे से RTGS सुविधा 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध रहेगा. इस प्रयास को सफल बनाने के लिए RBI टीम, IFTAS और सर्विस पार्टनर को बधाई.”
देश में आरटीजीएस का ऑपरेशन चार बैंकों में 26 मार्च, 2004 को शुरू हुआ था. फिलहाल इसमें रोजाना 237 भागीदारों बैंकों के बीच 4.17 लाख करोड़ रुपये के 6.35 लाख लेनदेन होते हैं. आरटीजीएस में जिसे पैसा भेजा जा रहा है उसके पास पहुंचने पर पुष्टि का फीचर भी उपलब्ध है.
शुरुआत में रिजर्व बैंक ने नेफ्ट और आरटीजीएस प्रणाली के जरिये लेनदेन पर कोई फीस नहीं लगायी थी. यह कदम देश में डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन देने के लिए उठाया गया था. इसके अलावा रिजर्व बैंक ने बैंकों से इसका लाभ ग्राहकों को देने को कहा था.
बता दें NEFT में सिर्फ दो लाख रुपये तक के ही लेनदेन हो सकते हैं जबकि आरजीटीएस में बड़ी राशि का ट्रांसफर भी हो सकता है. NEFT में पैसा ट्रांसफर होने के बाद क्रेडिट होने में थोड़ा समय लगता है लेकिन आरजीटीएस में यह तुरंत क्रेडिट होता है. इसके साथ ही आरजीटीएस से पैसा भेजने पर फिलहाल कोई चार्य नहीं लगता है.