भले ही कोरोना वैक्सीन आ गई हो लेकिन अर्थव्यवस्था का संकट खत्म होने में अभी काफी वक्त लगेगा. गोल्ड में यह गिरावट अस्थायी है. सोना और चढ़ेगा.
56 हजार की ऊंचाई से अब 48,000 रुपये के आसपास. पिछले कुछ अरसे में गोल्ड ने जितनी ऊंचाई हासिल की, अब यह उतनी ही तेजी से नीचे आ रहा है. ऐसी स्थिति में सोना खरीदने वाले दम साधे हुए हैं. उन्हें लग रहा है कि इसके दाम और गिरेंगे. भले ही कोरोना वैक्सीन आ गई हो लेकिन अर्थव्यवस्था का संकट खत्म होने में अभी काफी वक्त लगेगा. गोल्ड में यह गिरावट अस्थायी है. सोना और चढ़ेगा. इसलिए बेचने में हिचकिचा रहे हैं. सवाल यह है कि निवेशक को क्या करना चाहिए.
खरीदारी के अच्छे मौके बन रहे हैं
विश्लेषकों का मानना है कि गोल्ड में आने वाले कुछ दिनों तक कमजोरी देखने को मिल सकती है लेकिन कुल मिला कर देखें तो इकनॉमी में अभी कोई रफ्तार नहीं दिख रही और आगे भी इसके आसार कमजोर ही नजर आते हैं. अमेरिकी डॉलर में भी अभी कमजोरी है. लिहाजा गोल्ड में जल्द ही रिकवरी दिख सकती है. हालांकि इस समय जब गोल्ड के भाव नीचे आ रहे हैं तो खरीदारी के भी अच्छे मौके बन रहे हैं. जिन लोगों ने सोने में ऊपरी स्तरों पर खरीदारी की थी उनके लिए यह अच्छा होगा कि वे अभी इसे होल्ड करें. वो सही मौके का इंतजार करें. गोल्ड में अभी ट्रेंड निगेटिव नहीं हुआ है.
गोल्ड है तो अभी होल्ड करने में ही समझदारी
दरअसल गोल्ड ने हमेशा अच्छा रिटर्न दिया है. पिछले एक साल में इतना रिटर्न किसी एसेट क्लास में नहीं मिला है. गोल्ड का ग्लोबल आउटलुक भी पॉजीटिव है. लिहाजा गोल्ड के अभी और चढ़ने की गुंजाइश बनी हुई है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह 54 हजार रुपये के आंकड़े को छू सकता है. दरअसल पिछले दिनों शेयर बाजार में तेजी की वजह से निवेशकों का रुझान इसकी ओर बढ़ा है. यही वजह है कि गोल्ड में निवेश घटा है. लेकिन यह अस्थायी ट्रेंड है. कोरोना वैक्सीन भले ही बन गई है लेकिन अभी इसके आम लोगों तक पहुंचने में बहुत देरी है और इसका अर्थव्यवस्था पर इतना जल्दी प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसलिए सोना है आपके पास तो अभी होल्ड करें.