रितेश देशमुख के पास है पत्नी को खुश रखने का मंत्र, जेनेलिया डिसूजा बोलीं- ‘हैप्पी वाइफ, हैप्पी लाइफ’

एक्टर रितेश देशमुख और जेनेलिया डीसूजा बॉलीवुड के सबसे प्यारे कपल में से एक हैं. दोनों ने साल 2003 में फिल्म ‘तुझे मेरी कसम’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया और लगभग एक दशक पहले शादी की. जेनिलिया ने शादी के बाद से फिल्मों से दूरी बना ली और सिर्फ कुछ फिल्मों में कैमियो में दिखाई दीं. अब दोनों एक बार फिर साथ फिल्मों में काम करने के लिए तैयार हो गए हैं.

हाल ही में दोनों ऑनलाइन सेलिंग प्लेटफॉर्म के वीडियो लेडीज वर्सेज जेंटलमेन के छोटे प्रोजेक्ट में साथ दिखाई दिए. हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में इस बॉलीवुड कपल ने अपने वेब शो बारे में बताया. दोनों ने फिल्म में साथ काम करने की इच्छा जताई. रितेश ने कहा कि अगर कोई फिल्ममेकर अच्छी स्क्रिप्ट लेकर आएगा, तो दोनों साथ में काम करेंगे.

साथ काम करने में होगी खुशी

वहीं, जेनेलिया ने कहा,”मैं हमेशा कहती हूं कि मेरी पहली फिल्म रितेश के साथ थी और जब मैंने फिल्मों से दूरी बनाई, तो आखिरी फिल्म भी रितेश के साथ रही. उसके साथ दोबारा काम करने के लिए, मैं कुछ बहुत ही स्पेशल देख रही हूं. हमे एक साथ काम करके खुशी होगी.” इसके साथ ही उन्होंने कहा अपनी खुशी लाइफ का मंत्र भी दिया है. उन्होंने अपने बच्चों के फिल्में देखने और कोविड 19 से ठीक होने पर भी अपनी बात रखी.

 ‘हैप्पी वाइफ, हैप्पी लाइफ’

रितेश देशमुख कहते हैं कि वह जेनेलिया से एक दिन में 10 सवाल ही पूछने के लिए कहते हैं और उनका कोटा सुबह पांच मिनट में पूरा हो जाता है. जेनेलिया कहती हैं,”मैं वहीं पूछती हूं जिसकी मुझे जरूरत होती है, वह इसका जवाब दे सकते हैं या नहीं. ये उनकी च्वाइस है. वो कहते हैं ना ‘हैप्पी वाइफ, हैप्पी लाइफ’ और वह बहुत अच्छे से जानते हैं.”

बच्चों ने देखी ‘टोटल धमाल’

रितेश देशमुख ने कहा कि उनको बच्चों को नहीं पता कि हम एक्टर्स हैं. उन्होंने हमारी कोई भी फिल्म नहीं देखी. रितेश ने कहा,”बच्चों ने हाल ही में टोटल धमाल देखी. उन्हें लगता है कि हर पिता कभी-कभी एक्टिंग जॉब भी करता है.” जेनलिया ने कोविड के दौरान बच्चों की केयरिंग को लेकर जवाब दिया.

पेरेंट्स ने की हेल्प

जेनेलिया ने कहा,”मुझे लगता है कि ये बच्चों और रितेश के लिए बहुत ही कठिन था. एक अच्छे-खासे दिन अचानक पता चलता है कि आप और आइसोलेशन में चले जाते हैं और आपके पास को तैयारी करने का भी वक्त नहीं होता. मेरे पेरेंट्स ने बहुत हेल्प की. मेरे परिवार और दोस्त हर घंटे कॉल करते और ये आइसोलेशन के दौरान काफी मायने रखता है.”

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