साधारण तौर पर जब भी आप कोई नया वाहन खरीदते हैं तो नए रेजिस्ट्रेशन के साथ आपको नए वाहन के लिए नया नंबर भी मिलता है। ऐसे में कई बार देखा गया है की लोग अपने लकी नंबर को खोना नहीं चाहते तो अपने पुराने वाहन के नंबर को अपने पास रख लेते हैं। हालांकि, नए वाहन के साथ नया नंबर भी मिलता है। लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नए नियम लागू किया है जिसके तहत ग्राहक अपने पुराने वाहन रेजिस्ट्रेशन नंबर से ही नए वाहन का रेजिस्ट्रेशन करा पाएंगे। उत्तर प्रदेश के इस नए नियम से वाहन मालिक को यह फायदा होगा की वह अपने पुराने वाहन के नंबर से ही नए वाहन को इस्तेमाल कर पाएगा और नए नंबर की परेशानी से बच जाएंगे।
सरकार ने इस नए नियम के साथ कुछ जरुरी शर्तें भी रखी हैं। उन सभी शर्तों को पूरा करके ही आप नए नियम का लाभ ले सकते हैं। नए नियम और शर्तों के मुताबिक, अगर आपके पास कोई पुराना वाहन है और आप एक नया वाहन खरीदना चाहते हैं तो ऐसे स्थिति में आप इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। अगर आपके पास कोई पुराना वाहन नहीं है और आप नया वाहन खरीद रहे हैं तो आपको इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा। इस नियम के तहत आप पुरानी बाइक से नई बाइक और पुरानी कार से नई कार पर ही यह सुविधा ले पाएंगे।
सरकार ने इस नए नियम के साथ एक अहम शर्तें जोड़ी हैं। इसके तहत अगर आपके पास कोई पुरानी कार है जिसको आप प्राइवेट कार की तरह इस्तेमाल करते हैं और अब इसकी जगह एक नई कार लेना चाहते हैं जिसको आप कमर्शियल तौर पर इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आप ऐसे नहीं कर सकते। इस नए नियम में प्राइवेट से प्राइवेट वाहन और कमर्शियल वाहन से कमर्शियल वाहन पर ही पुराना रेजिस्ट्रेशन नंबर इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस नए नियम के अनुसार, इस सुविधा का लाभ लेने के लिए सरकार द्वारा तय किए गए निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। अगर आप पुरानी बाइक के रजिस्ट्रेशन नंबर पर नई बाइक का रेजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो 1,000 रुपये का शुल्क देना होगा और अगर आप पुरानी कार के रेजिस्ट्रेशन नंबर के साथ नई कार का पंजीकरण करना चाहते है तो आपको 25,000 रुपये का शुल्क भुगतान करना होगा।