सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय ने मोटर वाहन नियमों में कुछ बदलाव किए हैं जिनमें ड्राइविंग लायसेंस जारी करना, रिन्यू करना और सरेंडर करना शामिल है. लर्नर लायसेंस जारी करने की पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन कर दी गई है जिसमें आवेदन करने से लेकर प्रिटिंग तक शामिल है. ड्राइविंग लायसेंस को रिन्यू कराने के लिए समय सीमा को लायसेंस एक्सपायर होने की तारीख से लेकर एक साल तक कर दिया गया है. इसके अलावा मेडिकल सर्टिफिकेट, लर्नर लायसेंस और लायरेंस जारी, रिन्यू या सरेंडर करने के लिए अब इलेक्ट्रॉनिक तौर पर फॉर्म भरने और दस्तावेज़ पेश करने को मान्य कर दिया गया है| इसकी मदद से देशभर में कहीं से भी डेटा की रियर टाइम जानकारी मिलेगी
ऐसे में नेशनल रजिस्टर ऑफ ड्राइवर्स लायसेंस और सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन ने काम करना शुरू कर दिया है जिसमें दस्तावेज़ों के स्टेट रजिस्टर को शामिल किया गया है. इसकी मदद से देशभर में कहीं से भी डेटा की रियर टाइम जानकारी मिलेगी. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन नियम 1989 और कवर सैक्शन 4-28, 76 और 77 (पार्ट) में बदलाव किए हैं जो मोटर वाहन -अमेंडमेंट- नियम 2019 का हिस्सा हैं| रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कराने में अब सिर्फ 60 दिन का संभावित समय लगेगा
फुली बिल्ट या अमूमन भारी वाहन की दशा में आरटीओ जाकर इसकी जांच और परीक्षण कराना अनिवार्य होगा. सरकार के अनुसार इसमें नए वाहन के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बहुत आसान हो जाएगी. रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कराने में अब सिर्फ 60 दिन का संभावित समय लगेगा, वहीं वाहन के अस्थाई रजिस्ट्रेशन की सीमा को बढ़ाकर अब 1 महीने से 6 महीने कर दिया गया है. नियम में बदलाव के अनुसार ट्रेड सर्टिफिकेट भी अब इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध होगा.
वाहन के ऑल्टरेशन और रेट्रोफिटमेंट की पूरी प्रक्रिया को अब न्यायिक ढांचे में शामिल कर लिया गया है जहां वाहन मालिक, वर्कशॉप या अधिकृत एजेंसियां जो ऑल्ट्रेशन या रेट्रोफिटमेंट का काम करते हैं, अब सही काम की जवाबदेही इनकी होगी. इसके लागू किए जाने से वाहनों की सुरक्षा पुख़्ता होगी और यह नए नियमों पर भी खरे उतरेंगे. इस प्रक्रिया से बिना गुज़रे ऑल्टर्ड वाहन का बीमा नहीं किया जा सकेगा.