क्या भारत में Twitter, Facebook, WhatsApp, Instagram, YouTube समेत अन्य प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगने वाला है? नहीं ऐसा बिलकुल नहीं है, लेकिन पिछले 48 घंटों में कई ऐसी भ्रमक रिपोर्ट्स और पोस्ट जरूर देखने को मिले हैं। दरअसल, इस पूरी मामले की शुरुआत इस साल फरवरी में आए नए आईटी नियम और गाइडलाइन्स को लेकर हुई है। देश में सरकार किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैन नहीं कर रही है, ना ही इन पर कोई प्रतिबंध लगाने की कोई योजना अब तक सामने आई है।
Twitter, Facebook, WhatsApp, Instagram, YouTube पर बैन का क्या है मामला?
आज यानी 26 मई तक प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नए नियम और गाइडलाइन को लागू करना था। Twitter, Facebook, WhatsApp, Instagram, YouTube समेत अन्य प्लेटफॉर्म्स ने अभी तक पूरी तरह से इन नियमों को लागू नहीं किया है, जिसके बाद ऐसे अफवाहें फैल रही हैं। बता दें कि 26 मई या इससे आगे भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पहले की तरह की काम करते रहेंगे।Apps, WhatsApp, Facebook, InstagramAlso Read – WhatsApp end-to-end encryption क्या है और कैसे करता है काम? जानें सबकुछ
नए IT Rule में क्या है?
सरकार इस साल फरवरी महीने में नए IT Rule लेकर आई थी। इसमें 50 लाख से ज्यादा यूजर्स वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए नए नियम पास किए हैं। इन नियमों के तहत मुख्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को कम से कम तीन अधिकारिकयों की नियुक्ति करनी है, जिनका काम शिकायत निवारण और विशिष्ट आचार संहिता का पालन करना होगा। आइए डिटेल में जानते हैं क्या है पूरा मामला, जिसके बाद शुरू हुई बैन की बात।
- 25 फरवरी को भारत सरकार ने नए IT Rules की घोषणा की, जिसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को लागू करना है। सरकार ने कहा था कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 25 मई तक नए आईटी नियमों को लागू कर देना होगा। 26 मई से यह नियम प्रभाव में आएंगे।
- नए नियम के तहत बड़ी टेक कंपनियों को एक चीफ कॉम्पलायंस ऑफिसर की नियुक्ति करनी है, जो सरकार या इंफोर्समेंट एजेंसियों और प्लेटफॉर्म के बीच का पुल होगा। इसका अधिकारी को सरकार या एजेंसियों के आवश्यकता के मुताबिक जवाब देना होगा।
- नए नियम के तहत सरकार ने 50 लाख से ज्यादा यूजर्स वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए भी कहा गया है, जो लॉ-इंफोर्समेंट एजेंसी और प्लेटफॉर्म के बीच कॉर्डिनेशन बनाए रखेगा।
- इसके साथ ही इन कंपनियों को एक शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्त करनी होगी, जिसका काम जिसका काम 24 घंटे के भीतर शिकायतों को स्वीकार करना और 15 दिनों के भीतर उनका जवाब देना होगा।
- नए नियमों के तहत सरकार ने व्हाट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म्स को किसी मैसेज का ओरिजिनल सोर्स का पता लगाने के लिए कह सकती है। इस मामले में व्हाट्सऐप 25 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर चुकी है।
- Netflix जैसे OTT प्लेटफॉर्म्स को भी नए नियम के दायरे में रखा गया है, आईटी नियमों का पालन कर रही हैं। हालांकि, टेक कंपनियों ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। फेसबुक ने मंलवार को एक बयान जारी किया, ‘हमारा उद्देश्य आईटी नियमों के प्रावधानों का पालन करना है और हम कुछ मुद्दों पर बात कर रहे हैं, जिन्हें सरकार के साथ और अधिक जुड़ाव की आवश्यकता है।’
- इसका मतलब साफ है कि जिन कंपनियों ने नए आईटी नियमों के मुताबिक काम करना शुरू कर दिया है, वे सरकार के दखल के बिना काम करती रहेंगी, लेकिन कुछ कंपनियों ने ऐसा नहीं किया है। हालांकि, इसका मतलब बिलकुल नहीं है कि ऐसे प्लेटफॉर्म्स को बैन कर दिया जाएगा।
- नए आईटी नियमों इस बारे में विस्तार से बताया गया है। आईटी एक्स के सेक्शन 79 के सब-सेक्शन (1) के मुताबिक, वे प्लेटफॉर्म्स जिन्होंने नए नियम को लागू नहीं किया है, उन्हें आईटी एक्ट के तहत दी जाने वाली प्रोटेक्शन नहीं मिलेगी। बता दें कि एक्ट में इंटरमीडियरी टर्म का इस्तेमाल किया गया है, जिसका तात्पर्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और स्ट्रीमिंग सर्विस प्लेटफॉर्म्स से है।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इंटरमीडियरी सुरक्षा नहीं मिलने का मतलब है कि सरकार इन कंपनियों को कुछ मुद्दों पर कोर्ट में घसीट सकती है। साथ ही इस पर लागू होने वाले कानून के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है।
- इसके साथ ही सरकार इन कंपनियों के खिलाफ कड़े कदम भी उठा सकती है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि इन्हें बैन कर दिया जाएगा। इसका मतलब साफ है कि देश में Twitter, Facebook, WhatsApp आदि प्लेटफॉर्म्स बैन नहीं हो रहे हैं।
बता दें कि मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और मिनिस्ट्री ऑफ इनफार्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग ने साथ मिलकर Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules 2021 इस साल 25 फरवरी को जारी किया है। नए नियमों के पालन के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को तीन महीने का वक्त दिया गया था, जो 25 मई को खत्म हो गया है।