भारत 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और पहले से किसी बीमारी से ग्रसित 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का एक मार्च से कोविड-19 टीकाकरण करने की तैयारी में जुटा हुआ है। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ‘ऑन-साइट पंजीकरण’ कराने की सुविधा उपलब्ध होगी, ताकि योग्य लाभार्थी अपनी पसंद के टीकाकरण केंद्र पर जाकर अपना पंजीकरण कराएं और टीका लगवाएं।
टीके के लाभार्थी को-विन 2.0 पोर्टल डाउनलोड कर और आरोग्य सेतु आदि मोबाइल ऐप के जरिए पहले भी अपना पंजीकरण करा सकते हैं। मंत्रालय ने कहा कि लाभार्थी अपनी पसंद के कोविड-19 टीकाकरण केंद्र (सीवीसी) को चुन सकते हैं और टीका लगवाने के लिए अपना समय निर्धारित करवा सकते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि सरकारी टीकाकरण केंद्रों में टीका नि:शुल्क लगाया जाएगा। वहीं, टीकाकरण केंद्र के रूप में निर्धारित निजी स्वास्थ्य संस्थानों में टीका लगवाने वालों को पहले से तय शुल्क का भुगतान करना होगा। केंद्र सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों और एमडी (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के साथ यह सूचना साझा की।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई बैठक में टीका प्रशासन (को-विन) पर उच्चाधिकार समूह के अध्यक्ष और कोविड-19 पर टीका प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के सदस्य डॉ आर एस शर्मा भी शामिल हुए। कोविड-19 के खिलाफ राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था।
मंत्रालय ने कहा कि आयु समूह के आधार पर टीकाकरण का नया चरण देश में टीकाकरण अभियान को कई गुना विस्तारित कर देगा। इस चरण की एक खास विशेषता यह है कि टीकाकरण के मौजूदा चरण में जो स्वास्थ्यकर्मी या अग्रिम मोर्चे के कर्मी छूट गए हैं, वे भी अपनी पंसद का टीकाकरण केंद्र चुन सकते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि वहीं, दूसरी विशेषता यह है कि निजी क्षेत्र के अस्पताल भी टीकाकरण केंद्रों के तौर पर शामिल किये जाएंगे, जिससे टीकाकरण की रफ्तार बढ़ेगी। मंत्रालय ने इस बात का जिक्र किया कि सीवीसी अवश्य ही सरकार संचालित स्वास्थ्य सेवा संस्थान होने चाहिए।
मंत्रालय ने कहा है कि सभी लाभार्थियों को अपना एक तस्वीर युक्त पहचान पत्र–आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र–आदि लेकर टीकाकरण केंद्र जाना होगा। वहीं, किसी बीमारी से ग्रसित 45 वर्ष से अधिक उम्र का लाभार्थी होने की स्थिति में बीमारी से संबद्ध प्रमाणपत्र भी लाना होगा, जिसपर पंजीकृत चिकित्सक के हस्ताक्षर हों।