टेलिकॉम कंपनियों Vodafone-Idea और Bharti Airtel को सुप्रीम कोर्ट से बकाया राशि के लिए कोई राहत नहीं मिली थी। कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों को 1.47 लाख करोड़ रुपये के बकाये की रकम 23 जनवरी तक चुकाने की बात कही थी। अगर टेलिकॉम कंपनियां ये रकम नहीं चुकाती हैं तो टेलिकॉम यूजर्स के लिए यह बुरी खबर साबित हो सकती है। क्योंकि अगर ऐसा होता है तो कंपनियों को इस राशि को जमा करने के लिए टैरिफ प्लान्स की कीमत और बढ़ानी पड़ सकती है। हालांकि, Jio ने उसकी राशि को चुका दिया है। लेकिन बाकी की दोनों कंपनियों ने राहत मांगी है।
मोबाइल बिल्स में आ सकता है 25 से 30 फीसद तक का उछाल: अगर कंपनियां ये रकम नहीं चुका पाती हैं तो उन्हें इस रकम को जुटाने के लिए टैरिफ की कीमतों में और बढ़ोतरी करनी होगी। जो यूजर्स के लिए ठीक नहीं होगा। क्योंकि एक बार वृद्धि करने के बाद से ही यूजर्स की जेब पर काफी असर पड़ा है।
भारत में ARPU अब भी है कम: भारत की बात की जाए तो यहां का औसत रेवन्यू प्रति यूजर यानी ARPU अब भी कम है। इससे कंपनियों को नुकसान भी झेलना पड़ा है। दरअसल, Jio के मार्केट में एंट्री करने के बाद से ही अन्य टेलिकॉम कंपनियों को काफी घाटे का सामना करना पड़ा है जिससे ARPU में भी कमी आई है। विश्लेषकों की मानें तो सिंगापोर, मलेशिया, चीन, फिलिपिन्स, जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, यूके, जर्मनी और फ्रांस के मुकाबले भारत का ARPU काफी कम है।
3 वर्ष बाद टैरिफ प्लान्स की कीमतों में हुई थी बढ़ोतरी: Bharti Airtel, Vodafone-Idea और Reliance Jio ने करीब 3 वर्ष बाद मोबाइल टैरिफ्स की कीमतों में बढ़ोतरी की थी। यह बढ़ोतरी 14 फीसद से लेकर 33 फीसद तक हुई थी। SBICap Securities के रिसर्च हेड राजीव शर्मा ने ET को बताया कि अगर आने वाले समय में भी 15 फीसद बढ़ोतरी टैरिफ प्लान्स में की जाती है तो अगले 6 से 9 महीनों में मोबाइल यूजर्स की संख्या भारत में घट सकती है।