अधिकतर लोगों को हाई ब्लड प्रेशर या हाईपरटेंशन उम्र ढलने का एक हिस्सा होता है. जीवन शैली और जेनेटिक कारणों से होनेवाला हाईपरटेंशन कई बीमारियों जैसे स्ट्रोक, किडनी फेल्योर, हार्ट डिजीज में शामिल कोरोनरी धमनी की बीमारी और यहां तक कि डिमेंशिया का दरवाजा भी खोल देता है.
हाई ब्लड प्रेशर और बुद्धि में गिरावट के बीच संबंध
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की प्रतिष्ठित पत्रिका हाईपरटेंशन में प्रकाशित रिपोर्ट में चौंकानेवाला खुलासा किया गया है. रिसर्च में पाया गया कि हाई ब्लड प्रेशर और बुद्धि के प्रदर्शन में गिरावट के बीच संबंध है. रिपोर्ट में किसी भी उम्र और संक्षिप्त समय के लिए भी हाईपरटेंशन को बुद्धि में तेजी से गिरावट का कारण बताया गया है.
ब्राजील के शोधकर्ताओं ने 7 हजार व्यस्कों के मॉनिटरिंग करने के बाद नतीजा निकाला कि कम समय के लिए भी हाईपरटेंशन प्रदर्शन जैसे स्मृति, प्रवाह और एकाग्रता को प्रभावित कर सकता है. मेडिसीन के प्रोफेसर संधी एम बारेटो ने कहा, “हमने शुरू में अनुमान लगाया था कि बुद्धि के प्रदर्शन पर हाईपरटेंशन का नकारात्मक प्रभाव जब कम उम्र में शुरू हो जाए तो ज्यादा नाजुक होगा. लेकिन नतीजों से पता चला कि बुद्धि के प्रदर्शन की गिरावट समान रूप से तेज हो गई और हाईपरटेंशन की शुरुआत का किसी उम्र पर असर नहीं पड़ा. चाहे हाईपरटेंशन अधेड़ उम्र में शुरू हुआ हो या बाद की उम्र में.”
हाई ब्लड प्रेशर से बुद्धि के प्रदर्शन में गिरावट तेज
उन्होंने बताया कि रिसर्च के दौरान पाया गया कि व्यस्क होने की उम्र में प्रभावी तरीके से हाई ब्लड प्रेशर का इलाज नुकसान को रोक या कम कर सकता है. रिसर्च का खुलासा यही है कि अगर किसी भी उम्र में व्यस्कों के बुद्धि का प्रदर्शन को सुरक्षित रखना है, तो नतीजे बताते हैं कि हाईपरटेंशन को रोकने, पहचानने और प्रभावी तरीके से इलाज किए जाने की जरूरत है. शोधकर्ताओं ने रिसर्च में शामिल प्रतिभागियों की स्मृति, प्रवाह, ध्यान, सोच और तर्क से जुड़े कारणों की चार साल तक निगरानी की.