भारत के बढ़ते बाजार को देखते हुए वैश्विक मैनुफेक्चरिंग केंद्र मानी जानी वाली अमेरिकी बहुराष्ट्रीय रिटेलर कंपनी वॉलमार्ट ने भारत में बने प्रोडक्ट्स के निर्यात को बढ़ाने का फैसला किया है. वॉलमार्ट 2027 तक 3 बिलियन डॉलर (22,119 करोड़ रुपये) से अपने माल के निर्यात को तिगुना करने के लिए 10 बिलियन डॉलर (73,721 करोड़ रुपये) की योजना बनाई है.
कंपनी ने एक बयान में कहा है कि वॉलमार्ट की नई निर्यात प्रतिबद्धता भारत में पहले से ही चल रहे ‘फ्लिपकार्ट समर्थ’ और ‘वॉलमार्ट वृद्धि’ आपूर्तिकर्ता विकास कार्यक्रमों के साथ-साथ भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई)को काफी बढ़ावा देगी. इससे सोर्सिंग में विस्तार से खाद्य, फार्मास्यूटिकल्स, उपभोग्य सामग्रियों, स्वास्थ्य और कल्याण, सामान्य व्यापार, परिधान, होमवेयर और अन्य जरूरी भारतीय निर्यात श्रेणी जैसी कैटेगरी में सैकड़ों नए आपूर्तिकर्ताओं को विकसित करने में मदद मिलेगी.
स्थानीय एन्टप्रेन्योर्स और मैनफैक्चरर्स जरूरी
वॉलमार्ट इंक के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डग मैकमिलन ने कहा कि वॉलमार्ट का मानना है कि वैश्विक खुदरा क्षेत्र की सफलता के लिए स्थानीय एन्टप्रेन्योर्स और मैनफैक्चरर्स जरूरी हैं. वॉलमार्ट भारतीय सप्लायर्स के लिए यूनीक स्कैल और वैश्विक वितरण अवसर प्रदान करके अपने बिजनेस को विकसित करने के लिए बड़ी संभावना देखता है.
स्थानीय बिजनेस को अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों तक पहुंचने में मदद
डग मैकलिन ने कहा,”आने वाले सालों में भारत के निर्यात में काफी तेजी लाकर, हम मेक इन इंडिया पहल का समर्थन कर रहे हैं और भारतीय घरों में रोजगार और समृद्धि पैदा करते हुए अधिक स्थानीय बिजनेस को अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों तक पहुंचने में मदद कर रहे हैं. यह वॉलमार्ट के लिए एक हाई क्वालिटी लाने का तरीका है. भारत द्वारा बनाए गए सामान के दुनियाभर में लाखों ग्राहक हैं.”
भारत के निर्यात में तेजी
भारत के निर्यात में तेजी लाने के लिए, वॉलमार्ट मौजूदा निर्यातकों को बढ़ावा देने और निर्यात-तैयार व्यवसायों के राष्ट्र के पूल का विस्तार करके, भारत की आपूर्ति श्रृंखला पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करेगा.