तुलसी के औषधि गुणों के बारे शायद ही किसी को रूबरू करने की जरुरत पड़ती हो। प्राचीन समय से ही तुलसी के औषधि गुणों का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है। यह एक प्रमुख कारण है की भारत में ज्यादातर घरों में तुलसी का पौधा देखने को मिल जाता है। हिंदुओं में तुलसी जी की पूजा भी की जाती है। तुलसी का काढ़ा बनाकर पिए या चाय में डालकर पीएं, यह हर लिहाज में फायदा करती है।
तुलसी गर्भवती महिलाओं के लिए भी काफी फायदेमंद मानी जाती है। यह तो जग-जाहिर है की प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपने खानपान का काफी ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है। इस समय किसी भी ऐसी चीज को खाने से बचना चाहिए जिससे बच्चे को किसी भी तरह की परेशानी न हो।तुलसी की सबसे खास बात यह है की यह पूरी तरह से सुरक्षित है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। प्रेग्नेंसी में महिलाएं अगर इसका सेवन करें तो उनके लिए कई तरह के संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। तुलसी के पत्ते में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। इसके अलावा नियमित तुलसी का सेवन करने से रोग प्रतिरोध क्षमता भी बढ़ती है।
गर्भवती महिलाओं को तुलसी खाने के फायदे:
- प्रेग्नेंसी में नियमित तुलसी के पत्तों का सेवन करने से उसके एंटी बैक्टेरियल गुण के कारण मां और बच्चे को संक्रमण का खतरा कम होता है।
- तुलसी के पत्तों में मैग्नीशियम पाया जाता है जो बच्चे की हड्डियों के विकास में मददगार है। साथ ही पत्तों में मौजूद मैगनीज टेंशन को कम करने में भी असरदार है।
- तुलसी की पत्तियां एंटी-बैक्टीरियल तो हैं ही साथ ही एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुणों से भी भरपूर हैं। इसलिए तुलसी की पत्तियों में हीलिंग गुण भी होता है।
- रोजाना दो तुलसी के पत्ते खाने से शरीर में खून की कमी दूर हो जाती है। प्रेग्नेंसी में अक्सर महिलाओं में एनीमिया की शिकायत होती है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाएं अगर रोजाना तुलसी के दो पत्ते खाएं तो लाभ मिलेगा।
- तुलसी के पत्ते में विटामिन-ए की मात्रा होती है। यह गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए फायदेमंद होता है।
नोट: उपरोक्त टिप्स केवल जानकारी मात्र हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लिया जाए।