इस समय दुनियाभर में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा करीब 19.3 मिलियन के पार पहुंच चुका है और 7 लाख 19 हजार लोगों की कोरोनावायरस से मौत हो चुकी है। दुनियाभर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता लगातार कोरोनावायरस का इलाज ढूंढ़ने में जुटे हुए हैं। वहीं, कुछ टीम इस वायरस के अलग-अलग लक्षण को जानने और समझने पर भी काम कर रही हैं।
कोरोना के अजीब लक्षण:
शुरुआती दिनों में कोरोनावायरस के लक्षण के रूप में केवल बुखार, सूखी खांसी, गले में ख़राश और सांस लेने में तकलीफ को ही प्रमुख माना जाता था। लेकिन जैसे -जैसे कोरोनावायरस फैलता जा रहा है, लक्षणों में बदलाव भी देखा गया है अब यह केवल सिर्फ सर्दी-खांसी गले में खराश और सांस की तकलीफ तक सिमित नहीं है।
ऐसे तो कोरोनावायरस के कुछ लक्षण साधारण सांस से जुड़ी लक्षण के सामान है, परन्तु आंखों में इन्फेक्शन, त्वचा में चकते, स्वाद और गंध का महसूस न होना, पेट की समस्या और कुछ रोगियों में चक्कर आने जैसे लक्षण भी पाए गए हैं।
कोरोना का नया लक्षण:
पूरी दुनिया में कोरोना के मामले करीब दो करोड़ के आसपास हो गए हैं। यह तो स्पष्ट है की यह खतरनाक संक्रमण इंसान के पूरे शरीर में अलग-अलग तरीकों से प्रभाव डालता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के एक आर्टिकल में कोरोनावायरस के नए लक्षण के बारे में बताया गया है। इस लक्षण को कोरोना संक्रमण का पहला लक्षण माना जा सकता है। यह लक्षण है लगातार हिचकियां आना।
इस शोध में अमेरिका के कुक काउंटी हेल्थ के डॉक्टरों ने एक 62 साल के व्यक्ति की केस रिपोर्ट को खुलकर बताया है जिसमें वो चार दिनों तक लगातार हिचकी से परेशान होने के बाद अस्पताल में एडमिट हुआ था। इस केस में मरीज को पहले कभी फेफड़े की बीमारी नहीं हुई थी। इस मरीज का पिछले चार महीने में लगभग 11 किलो वजन कम हुआ है वो भी बिना किसी कोशिश और दवाई के।
मरीज में नहीं थे कोरोना के लक्षण:
रोगी को चार दिन लगातार हिचकियां के बाद अस्पताल में एडमिट किया गया और उसमे कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण नहीं थे। मरीज की शारीरिक जांच में कुछ सामने नहीं आया। शरीर का तापमान 99.1 डिग्री था और सूखी खांसी, कंजेशन, सीने में दर्द या सांस में तकलीफ की भी कोई शिकायत नहीं थी।
फेफड़ों में गड़बड़ी दिखी:
लगातार हो रही हिचकी के कारण को जानने और समझने के लिए डाक्टर ने एक्स-रे करवाया जिसमें उनके फेफड़े में कुछ सामान्य कांच जैसे चीज दिखीं। इस परिस्थिति में मरीज के फेफड़े में हल्की सूजन या रक्तस्राव दिखाई दिया। इसके बाद मरीज का सिटी स्कैन कराया गया जिसमें मरीज के फेफड़े में इंफ्लामेशन पाया गया जिसके कारण हिचकी आ सकती है। इसके बाद डाक्टरों ने मरीज का कोरोना टेस्ट कराने का फैसला लिया। जब तक मरीज को कोरोना टेस्ट के लिए ले जाया गया तब तक उसके शरीर का तापमान 101.1 डिग्री तक पहुंच गया था। उस समय तक मरीज की दिल की धड़कने भी बढ़ गई थीं। अगले दिन रिपोर्ट में मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया गया।
इससे क्या साबित होता है:
शोधकर्ताओं के मुताबिक, कोरोनावायरस की वजह से लगातार हिचकिया आ रही थीं। जबकि वजन के कम होने का इस बीमारी से कोई संबंध नहीं था। डाक्टरों के मुताबिक, यह पहला मामला है जहां कोरोनावायरस के शुरुआती लक्षण में हिचकियां नजर आई हैं।