5G के खिलाफ कोर्ट पहुंची जूही चावला, कहा- इसके प्रभाव से कोई नहीं बच सकेगा

दुनियाभर में टेलीकॉम कंपनियां सरकार के सहयोग से तेजी से 5G नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं। कई देशों में 5G नेटवर्क पहले से मौजूद हैं और कई अगले कुछ साल में 5G वायरलेस नेटवर्क से लैस हो जाएंगे। भारत में भी जल्द ही 5G नेटवर्क देखने को मिल सकता है। यूजर्स को देश में 5G नेटवर्क के आने का इंतजार है, लेकिन इसमें देरी हो सकती है। अभिनेत्री जूही चावला ने देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया।

उन्होंने नागरिकों, जानवरों, वनस्पतियों और जीवों पर रेडिएशन के प्रभाव और अन्य संबंधित मुद्दों को उठाया। मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति सी हरिशंकर के पास आया, जिन्होंने मामले को दो जून को सुनवाई के लिए दूसरी पीठ के समक्ष स्थानांतरित कर दिया। जूही चावला ने कहा कि यदि दूरसंचार उद्योग की योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रभाव से नहीं बच सकेगा।

5G के आने से क्या होगी दिक्कत?

उन्होंने कहा कि 5G योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव पड़ सकते हैं और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है। अधिवक्ता दीपक खोसला के माध्यम से दायर याचिका में अधिकारियों को यह स्पष्ट करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि 5जी प्रौद्योगिकी मानव जाति, पुरुष, महिला, वयस्क, बच्चे, शिशु, जानवरों और हर प्रकार के जीवों, वनस्पतियों के लिए सुरक्षित है। Also Read – 64MP के तीन कैमरे, 16GB RAM, 512GB स्टोरेज, 120W फास्ट चार्जिंग और Snapdragon 888 SoC के साथ आया धांसू 5G फोन Nubia Z30 Pro, जानें इसकी 5 सबसे खास बातें

हालांकि, मिनिस्ट्री ऑफ टेलीकम्यूनिकेशन ने कहा, ‘SERB के सपोर्ट के साथ ऐसा कोई भी शोध नहीं किया गया है, जिसमें मनुष्यों, पक्षियों, जानवरों, पौधों या किसी अन्य जीव पर विशेष रूप से 2G, 3G, 4G, 5G के प्रभाव पर आधारित हो।

क्या है 5G नेटवर्क?

5G नेटवर्क या पांचवी पीढ़ी नेटवर्क LTE (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन) मोबाइल ब्रॉडबैंड नेटवर्क का लेटेस्ट अपडेट है। यानी यह मोबाइल नेटवर्क का नया रूप या फिर 5वीं पीढ़ी है। 5G मुख्य रूप से तीन बैंड्स के साथ आएगा, जिसमें नीचले स्तर, मध्यम स्तर और उच्च स्तर की फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम होंगे। इन सभी नेटवर्क की अपनी सीमाएं और अपने इस्तेमाल होंगे। भारत ने साल 2018 में जल्द से जल्द देश में 5G नेटवर्क की शुरुआत की प्लानिंग की, जिससे बेहतर नेटवर्क स्पीड और टेक्नोलॉजी लोगों तक पहुंचाई जा सके।

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