कोरोना की वजह से नहीं चुका पा रहे लोन की EMI तो न हों परेशान, बैंकों ने शुरू की ये सर्विस

बैंकों ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की दूसरी लहर से प्रभावित छोटे उद्यमों की मदद के लिये 25 करोड़ रुपए तक के लोन के रिस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह कदम इस महीने की शुरूआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा घोषित कोविड-19 राहत उपायों के अनुरूप है. कई बैंकों को समाधान रूपरेखा के लिये निदेशक मंडल की मंजूरी मिल गयी है और इस संदर्भ में पात्र कर्जदारों से संपर्क कर रहे हैं.

बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने अपने पात्र ग्राहकों को ऑनलाइन लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिए अपनी इच्छा बताने को लेकर संदेश भेजे हैं. संदेश में कहा गया है, इन कठिन समय में, हम 5 मई, 2021 को जारी आरबीआई रेजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 (Resolution Framework 2.0) के अनुसार आपकी मदद के लिये राहत की पेशकश कर रहे हैं. अगर आप कोविड- दूसरी लहर के कारण वित्तीय दबाव में हैं, तो आप अपने खाते के पुनर्गठन का विकल्प चुन सकते हैं.

बैंकों ने शुरू किए ये काम
इस बीच, सार्वजपिक क्षेत्र के एक अन्य बैंक पंजाब एंड सिंध बैंक ने कहा कि आरबीआई के निर्देश के अनुसार लोन पुनर्गठन योजना को निदेशक मंडल से मंजूरी मिल गयी है. बैंक के प्रबंध निदेशक एस कृष्णन ने कहा, हम बैंक प्रतिनिधि (बीसी) के माध्यम से अपने ग्राहकों तक पहुंचेंगे. इससे हमें इस बारे में एक अनुमान मिलेगा कि आखिर कितने ग्राहक अगले कुछ दिनों में पुनर्गठन का लाभ उठाना चाहते हैं.

25 करोड़ रुपए तक लोन वाले को मिलेगा फायदा
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से एमएसएमई, लोगों और छोटे कारोबारियों पर सर्वाधिक असर पड़ा है. रिजर्व बैंक ने मौजूदा स्थिति को संज्ञान में लेते हुए रेजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 की घोषणा की. इसके तहत 25 करोड़ रुपए तक के लोन ले रखे व्यक्ति और छोटे व्यवसाय लोन रिस्ट्रक्चरिंग का विकल्प चुन सकते हैं. बशर्तें उन्होंने पहले की योजना का लाभ नहीं उठाया था.

आरबीआई ने उन लोगों के मामले में जिन्होंने पिछली योजना के तहत लोन पुनर्गठन का लाभ उठाया था, बैंकों और लोन देने वाले संस्थाओं को योजनाओं को संशोधित कर दबाव कम करने में मदद के लिए मोहलत अवधि बढ़ाने की अनुमति दी थी.

बता दें कि नए रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 का फायदा उन्हीं व्यक्तियों/ इकाइयों को दिया जा सकेगा, जिनके लो खाते 31 मार्च 2021 तक अच्छे थे. लोन समाधान की इस नयी व्यवस्था के अंतर्गत बैंकों को 30 सितंबर तक आवेदन दिया जा सकेगा. इसके 90 दिन के भीतर इस स्कीम को लागू करना होगा.

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